पिछले सप्ताह न्यूयार्क टाइम्स में एक लेख छपा था, जिसे पढ़ कर कई भारतीयों का खून खौलने लगा। मेरा भी। इसलिए कि इतना बकवास लेख में मैंने पहली बार पढ़ा होगा। लेखक भारतीय मूल का था शायद, लेकिन इतना भी नहीं जानता था कि हर हर महादेव का मतलब यह नहीं है कि हम सब शिव हैं। यही एक गलती होती इस लेख में तो उस पर लिखने की जरूरत...
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स्वच्छ हवा के लिए समग्र सोच-- विवेक चटोपाध्याय
दो दशक से भी पहले से वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न तरह के फैसले लिए गए, जिनमें जीवाश्म ईंधन के विभिन्न स्रोतों, जैसे उद्योगों, ऊर्जा संयंत्रों और वाहनों आदि से निपटने के प्रयास शामिल हैं। इस तरह के उपायों ने 2006-2007 में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को थामने में मदद की। हालांकि उसके बाद वाहनों की संख्या में वृद्धि, सार्वजनिक परिवहन में कमी,...
More »अब कुपोषण से मौत कम, खानपान के कारण इस बीमारी से मर रहे लोग
रायपुर। कुपोषण से मरने वालों का प्रतिशत छत्तीसगढ़ में जहां कम हुआ है, वहीं खानपान की अनियमितता से दिल के मर्ज से मौत होने का प्रतिशत दोगुना हो गया है। इसे इस्चेमिक हार्ट डिसीज भी कहते हैं। यह खुलासा हुआ है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(आईसीएमआर) की हेल्थ ऑफ द नेशन स्टेट्स रिपोर्ट 2017 में । इस्चेमिक हार्ट डिसीज के मामले में 1990 के दशक में छत्तीसगढ़ 15 बड़ी बीमारियों में...
More »सड़कों पर हादसों के सबब --- श्रीश्चंद्र मिश्र
देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
More »कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान - महिलाओं को देर रात सड़क पर घूमने की जरूरत ही क्या है
फिर से एक बार महिला सुरक्षा पर सत्ता में बैठे राजनेता की तरफ से शर्मनाक बयान आया है। ताजा मामला कर्नाटक का है। राज्य के गृह मंत्री आर रामलिंगा रेड्डी का मानना है कि महिलाओं का देर रात बेंगलुरु की सड़कों पर निकलने का कोई मतलब नहीं है। रामलिंगा रेड्डी ने ये बयान विधान परिषद में दिया। परिषद में महिलाओं की सुरक्षा पक चर्चा चल रही थी। जब मीडिया ने...
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