अब आपने इन पंक्ितयों को पढ़ने की जहमत उठाई है तो एक तकलीफ़ और कीजिये. अपने घर या पड़ोस से दूसरी से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को बुलाइये. उनसे कहिये कि वे निम्नलिखित पैरा को पढ़ कर सुनाएं. यह पैरा दूसरी कक्षा की पाठय़पुस्तक से लिया गया है. ’मैं और मेरी बहन रीता छत पर खेल रहे थे. अचानक असमान में बादल गरजने लगे. बिजली कड़कने लगी. बारिश की...
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बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »किसानों को मुआवजे में सिर्फ आश्वासन
भोपाल. प्रदेश में कर्ज से हारे 14 किसान जिंदगी गंवा चुके हैं,वहीं सरकार उनके मुआवजे के नाम पर वाहवाही लूटने में लगी है। नेता आश्वासन देकर भूल गए हैं। मौत का हाथ थामने वाले किसानों के परिवार लाचार और बेबस हैं। महीनाभर गुजर गया,लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। भास्कर ने जानी कुछ ऐसे ही परिवारों की हकीकत.. भाई की तेरहवीं के लिए भी उधार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने वाले नंदकिशोर यादव की...
More »समाजसेविका चंपा बेन का निधन
सागर. जानी मानी समाज सेविका चंपा बेन का 75 साल की उम्र में शुक्रवार को देर रात निधन हो गया। उन्हें हाई-ब्लड प्रेशर की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 अप्रैल 1935 को जन्मीं एवं हिमाचल प्रदेश के चंपा जिले की मूल निवासी चंपा ने बेड़िया समुदाय की महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया। इसके लिए उन्हें 2002-03 में राज्य के इंदिरा गांधी समाज सेवा पुरस्कार सहित...
More »एक समान शिक्षा का विकल्प शिरीष खरे
‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता. एक ओर जहां क, ख, ग लिखने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नही पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ चंद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी ईमारत, अंग्रेजी माध्यम और शिक्षा की जरूरी व्यवस्थाओं का फायदा उठा रहे हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय हैं, सैनिको के बच्चों के लिए सैनिक स्कूल हैं, तो...
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