अभी-अभी भारत ने केरल की बाढ़ और देश के अन्य हिस्सों में मानसून की तबाही के रूप में जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना किया है, तो अमेरिका और जापान में भयावह तूफान और बैंकॉक में समुद्र के जलस्तर की बढ़ोतरी के रूप में इसकी झलक को देखा गया। इन खतरों और चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसियों के प्रमुख 12 सितंबर से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में...
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इन राज्यों में धारा 377 के तहत दर्ज मामलों की संख्या है सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। समलैंगिक यौन संबंध के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश और केरल से सामने आए हैं। धारा 377 के तहत इन आपराधिक मामलों को दर्ज किया गया था। हालांकि, बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया है। यह जानकारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के डेटा से सामने आई है। इस डेटा से मिली जानकारी के अनुसार, धारा 377 के तहत साल 2014 से...
More »ढहता हिमालय व गलते ग्लेशियर-- मृणाल पांडे
अगस्त का महीना देश के कई हिस्सों में तबाही लाया. केरल और हिमालयीन इलाके उससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. केरल की उफनाती बाढ़ के नजारे हमने देखे. इसी बीच खबर आयी कि शिमला में कई भवन टूट गये और नैनीताल में लोअर मालरोड झील में समा गयी. बसों का खड्डों में गिरना और उफनते नालों में बह जाना तो लगभग रूटीन हो चला है. यह आनेवाले समय के...
More »किसानों की आमदनी में सालाना बढ़वार सिर्फ 5.6 फीसद- नाबार्ड की नई रिपोर्ट
हाल के सालों में खेतिहर परिवारों की आमदनी में किस रफ्तार से बढ़ोत्तरी हुई है ? अगर इस सवाल का जवाब एकदम नये तथ्यों के सहारे जानने चाहते हों तो राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) की एक हालिया रिपोर्ट आपके काम की साबित हो सकती है. इस रिपोर्ट का नाम है नाबार्ड ऑल इंडिया रुरल फायनेन्शियल इन्क्लूजन सर्वे 2016-17 यानि संक्षेप में कहें तो एनएएफआईएस 2016-17 और इस रिपोर्ट का आकलन है कि...
More »केरल की बाढ़ के गंभीर सबक - राजेंद्र सिंह
भारत में लिखित संविधान से पहले नदियों को मां का अधिकार देने वाला अलिखित संस्कार-व्यवहार दिया गया था। दुर्भाग्य से लिखित संविधान में वैसी व्यवस्था नदियों के लिए नहीं की गई। जबकि नदियां बाढ़-सुखाड़ से किसी भी राष्ट्र को नष्ट कर सकती हैं। यह प्रकृति और नदियों का क्रोध कहलाता है। इस क्रोध से बचने के लिए भारत के लोगों ने नदियों को अपनी मां कहा और उनके साथ जीवित...
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