दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार का नोटिफिकेशन पेरेंट्स से उनके अपनी पसंद के स्कूल मे दाखिला का अधिकारों छीन रहा था, लिहाजा इसे रद्द किया जाता है। हाई कोर्ट ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ मनमानी नहीं कर सकती...
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लोक-लुभावन राजनीति के नुकसान - डॉ अनिल प्रकाश जोशी
हमारे देश में पहले और आज की राजनीति में कितना फर्क आ गया है। पहले देश की राजनीति एक बड़ी हद तक मूल्यों पर चलती थी। राजनीतिक दल और मतदाता दोनों ही कहीं न कहीं नैतिकता व आदर्शों का पालन कर राजनीतिक गरिमा बनाए रखते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है। अब राजनीतिक दल चुनावों के समय जिस तरह मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन घोषणाएं करते...
More »नर्सरी दाखिला: वोट की राजनीति के लिए नेबरहुड की नीति लागू कर रही है सरकार
सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों ने नर्सरी कक्षा में दाखिला के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार पर वोट की राजनीति करने और इसके लिए स्कूलों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। स्कूलों ने कहा कि सरकार ने दाखिले के लिए नेबरहुड की नीति लागू करने का फैसला राजनीतिक कारणों से लिया है। जस्टिस मनमोहन के समक्ष स्कूलों ने कहा कि सरकार नेबरहुड नीति इसलिए लागू कर रही...
More »अल्पसंख्यक स्कूलों ने दी दिल्ली सरकार की नर्सरी दाखिला नीति को चुनौती
सरकारी जमीन पर बने अल्पसंख्यक स्कूलों को भी केजरीवाल सरकार की ओर से नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए जारी दिशा-निर्देश नहीं भाया। अल्पसंख्यक स्कूलों ने भी दाखिले के लिए जारी इस दिशा-निर्देश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। जस्टिस मनमोहन ने इस मामले में केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी कर 19 जनवरी तक जवाब देने को कहा है। हालांकि उन्होंने अल्पसंख्यक स्कूलों की...
More »सितारों से संवाद पर बंदिशें-- उर्मिलेश
इसी 17 जनवरी को रोहित वेमुला के हमारी दुनिया से विदा हुए एक साल पूरे हो जायेंगे. हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रतिभाशाली शोधछात्र ने अपनी आत्महत्या, जो वस्तुतः किसी हत्या से भी ज्यादा नृशंस थी, से ऐन पहले एक मार्मिक पत्र लिखा. रोहित ने कहा था- ‘मैं हमेशा एक लेखक बनना चाहता था. विज्ञान पर लिखनेवाला, कार्ल सगान की तरह. लेकिन, अंत मे मैं सिर्फ यह पत्र लिख पा रहा...
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