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नक्सली नहीं आम आदिवासी मारे गए: ग्रामीण

छत्तीसगढ़ में पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों के साथ कथित मुठभेड़ों में 19 लोगों के मारे जाने के मामले पर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि 28 जून की रात को छत्तीसगढ़ में हुए कथित मुठभेड़ों में मारे गए ज्यादातर लोग आम आदिवासी थे माओवादी नहीं, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह और सीआरपीएफ ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है. इससे जुड़ी...

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कड़िया की हवेली बाकी सबके झोपड़े

भले ही कड़िया मुंडा देश की सबसे बड़ी पंचायत (लोकसभा) के उपाध्यक्ष हो, लेकिन उनका गांव चांडीडीह काफी पिछड़ा है. खूंटी लोकसभा क्षेत्र की जनता ने पहली बार 1977 में कड़िया मुंडा को सांसद के रूप में चुना था और इसके बाद वे सात बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 2009 में सांसद चुने जाने के बाद इन्हें लोकसभा का उपाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद मिला. भाजपा के इस वरिष्ठ...

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नक्सलियों को रंगदारी देने के मामले में सरकारी गवाह बनेगा बी. के. लाला

दंतेवाड़ा. एस्सार की ओर से नक्सलियों को 15 लाख रूपए की रंगदारी पहुंचाने के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब जमानत पर छूटे बीके लाला ने वायदा माफ गवाह बनने की अर्जी अदालत में पेश की। आरोपी ठेकेदार की ओर से एडवोकेट राहुल त्यागी ने एडीजे अनिता डहरिया की अदालत में यह आवेदन लगाया। अर्जी पर सुनवाई की तारीख 17 जुलाई तय की गई है। लाला की गिरफ्तारी बीते...

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नहीं है मजबूत आधार, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मुश्किल- अमिताभ पराशर की रिपोर्ट

नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए को समर्थन देने के एवज में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जुड़ी खबरों का भले ही कोई आधार न हो, लेकिन बिहार के लिए इसकी राह आसान नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को बिहार की वार्षिक योजना राशि पर चर्चा करने के लिए योजना आयोग की बैठक में पहुंच रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार...

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तीन दिन में 600 ग्रामीणों ने बना डाली 20 किमी सड़क

गोइलकेरा (जमशेदपुर). नक्सलवाद प्रभावित झारखंड के 10 गांवों ने सरकार के आगे हाथ फैलाने बंद कर दिए हैं। इन गांवों के 600 लोगों ने प्रशासनिक मुख्यालय गोइलकेरा तक पहुंचने के लिए बदहाल 20 किलोमीटर सड़क अपने ही दम पर बना ली है। महज तीन दिनों में। नक्सलवादियों के आतंक और सरकारी मशीनरी की उपेक्षा के बीच यह आत्मनिर्भरता का अनूठा उदाहरण है। यह प्रयास गोइलकेरा के सबसे पिछड़े व सुदूरवर्ती पंचायत गमहरिया में...

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