नयी दिल्ली : नया वित्त वर्ष (2015-16) बुधवार से शुरू हो रहा है. रेल व आम बजट में घोषित नये नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं. इनमें से कुछ बदलाव आपके लिए राहत भी लेकर आ रहे हैं, लेकिन कई मामलों में आपकी जेब भी खूब ढीली होगी. आपके अप्रेजल के अलावा आपकी जिंदगी में एक अप्रैल से क्या बदलने वाला है, फिर भी जिंदगी तो चलती ही रहेगी. आइए...
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एक अप्रैल से लगेगा महंगाई का झटका, राहत कम लेकिन जेब पर बोझ ज्यादा
नई दिल्ली। फरवरी में पेश किए बजट का असर आप पर एक अप्रैल से होने जा रहा है। इसके तहत जहां आपके लिए कई सेवाएं महंगी हो जाएंगी, वहीं कुछ सेवाएं सस्ती भी होंगी। इसके अलावा अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से आपको टैक्स सेविंग के भी नए विकल्प मिलेंगे। अाइए जानते हैं वित्त वर्ष 2015-16 आपकी जेब पर किस तरह से असर डालेगा। रेस्टोरेंट में खाने से...
More »महंगी पड़ेगी मुफ्तखोरी की राजनीति - हृदयनारायण दीक्षित
धनार्जन बहुत कठिन नहीं होता, लेकिन खर्च की प्राथमिकता तय करना बहुत कठिन है। राजकोष राष्ट्रीय संपदा है। भारत के लोगों की श्रम साधना से संचित निधि। इसका विनियोग-सदुपयोग राष्ट्रीय विकास के लिए ही किया जाना चाहिए। संविधान निर्माताओं ने बहुमत प्राप्त सरकार को भी मनमाने खर्च की छूट नहीं दी। संसद और विधानमंडल आय और व्यय के प्रत्येक बिंदु पर विचार करते हैं, बजट पारित करते हैं। खर्च अधिकार...
More »पीडीएस-- राजस्थान में 16 फरवरी से लागू होगा आधार से जुड़ा ये नियम
राजस्थान सरकार 16 फरवरी से राशन डीलर से सामान लेने के लिए आधार कार्ड और पास बुक की अनिवार्यता काे लागू करने जा रही है। अब राशन डीलर के पास सामग्री लेने के लिए पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को अपने आधार नंबर तथा बैंक अकांउट पास बुक की छाया प्रति साथ लाना होगा। यह नियम पूरे राज्य में लागू होगा। राजस्थान सरकार 16 फरवरी से राशन डीलर से सामान लेने के...
More »दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
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