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किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: क्या सरकार ने किया ओवररिएक्ट

-आउटलुक, किसानों के विरोध प्रदर्शन पर पॉप आइकॉन रिहाना और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट का जवाब देकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा तिल का ताड़ बनाना संतोषजनक नहीं है। वहीं सरकार गुरुवार को एक कदम और आगे बढ़ गई। दिल्ली पुलिस ने स्वीडिश किशोरी के खिलाफ "आपराधिक साजिश और धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने" का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की। हालांकि, दिल्ली...

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आंदोलन लोरी नहीं है, वह सत्ता को झकझोरने के लिए ही किया जाता है

-द वायर, जो तय नहीं हुआ था, वह नहीं किया जाना चाहिए था. यह एक सामान्य स्वीकृत सिद्धांत है. लेकिन ऐसा अगर नहीं हुआ तो इसके लिए कौन सी परिस्थितियां जिम्मेदार हैं उनके बारे में बात किए बिना किसी घटना को समझा नहीं जा सकता. 26 जनवरी को किसान आंदोलन में शामिल लोगों के एक हिस्से ने तय रास्ते से अलग हटकर ट्रैक्टर जुलूस निकाला और दिल्ली के अलग अलग रास्तों से...

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‘देवो हिंसा हिंसा न भवतिः’

-न्यूजक्लिक, दो महीने के बाद देश के मध्यम वर्ग व मुख्यधारा की मीडिया को कानून, संविधान, हिंसा, नैतिकता जैसी तमाम बातें एकाएक याद आ गईं जब 26 जनवरी को आईटीओ और लालकिला पर कुछ किसानों ने उपद्रव कर दिया। देश का मध्यम वर्ग इस बात से बहुत आहत हो गया है कि किसानों ने लाल किले पर तिरंगा की जगह खालिस्तानी झंडा फहरा दिया (जो तथ्यात्मक रूप से झूठ और गलत...

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बजट का सबसे महत्वपूर्ण भाग जिसके बारे में कोई चर्चा नहीं है

-न्यूजलॉन्ड्री, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी. तब तक आने वाले दिनों में मीडिया में ऐसे अनेक लेख होंगे जो वित्त मंत्री को बजट में क्या करना चाहिए, इस पर सलाह देते मिलेंगे. राजनेता, अर्थशास्त्री, विश्लेषक और पत्रकार सभी अपनी-अपनी समझ से महत्वपूर्ण कदम बताएंगे. इनमें से अनेक लेखों के साथ दिक्कत यह है कि लेखक बजट का मुख्य उद्देश्य भूलते...

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क्या हत्या, आत्महत्या और बलात्कार के मामलों में अपनी ‘लक्ष्मण रेखा’ लांघ रहा है मीडिया

-द प्रिंट, क्या वास्तव में आत्महत्या और हत्या की घटनाओं में मीडिया, विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया, समानांतर जांच शुरू करके आपराधिक मामलों में पुलिस की जांच में हस्तक्षेप पैदा करने लगा है? क्या समानांतर जांच करके मीडिया अपनी ‘लक्ष्मण रेखा’ लांघ रहा है? बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में चुनिन्दा चैनलों की भूमिका के परिप्रेक्ष्य में बंबई उच्च न्यायालय की व्यवस्था से यही निष्कर्ष निकलता है कि हमारे इलेक्ट्रानिक...

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