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विकास की मरीचिका- शिवदयाल

जनसत्ता 12 दिसंबर, 2012: व्यापार और युद्ध-अभियान- सभ्यताओं के बीच संपर्क के यही दो प्रमुख माध्यम रहे हैं। यों, आप्रवास को भी एक माध्यम गिना जा सकता है, सबसे आदि कारण, जिसमें एक स्थान पर बसने वाला आदि मनुष्य-समूह भोजन या संसाधनों की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरता था, लेकिन इसकी परिणति भी अंतत: युद्धों और समझौतों में ही होती थी। बाद में सभ्यता के विकास के साथ...

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पीडीएस में जारी कालाबाजारी को लेकर बीरपुर गांव(मध्यप्रदेश) में आंदोलन

मध्यप्रदेश के सतना जिले के बीरपुर गांव के 42 परिवार इस महीने की शुरुआत से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज देने के मामले में हो रही कालाबाजारी की तरफ ध्यान खींचने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी परिवार के लोगों की मांग है कि सतना जिले के कलेक्टर  सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज के आबंटन में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करें और उन्हें अधिकार के अनुरुप सरकारी राशन...

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आंदोलन से आगे- एन के सिंह

जनसत्ता 29 अक्टुबर, 2012: यह मानना गलत होगा कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली के सरकार द्वारा काटे गए कनेक्शन फिर से जोड़ कर जनता को कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बरगलाया है। दरअसल, यह हमला उस मर्मस्थल पर है जिसे हम शासन करने की वैधानिकता कहते हैं। यह आघात एक सड़ी हुई व्यवस्था पर है जिस पर से जनता का विश्वास लगभग उठ चुका है। गांधी ने भी यही किया था। सविनय-अवज्ञा...

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खुदरा कारोबार के मिथक- सुभाष गताडे

जनसत्ता 4 अक्टुबर, 2012: भारत सरकार का दावा है कि खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजीनिवेश की राह खोलने से छह सौ अरब डॉलर तक पूंजी यहां पहुंचेगी। दूसरी तरफ के आलोचक इस तरह का अनुमान पेश कर रहे हैं कि वालमार्ट और उस जैसीकंपनियों के आने से कितने लाख लोग बेरोजगार होंगे, आदि। लगता है दोनों पक्षों की तरफ से छवि की लड़ाई चल रही है। कुल खुदरा कारोबार में आज...

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पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट

झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...

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