नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। खनन कंपनियों के लाभ में विस्थापित आदिवासियों को हिस्सेदारी देने के मुद्दे पर सरकारी कंपनियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। सरकारी कंपनियों को भी अपने लाभ में से 26 फीसदी हिस्सा विस्थापित स्थानीय या आदिवासी परिवारों को देना होगा। इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे योजना आयोग, कोयला मंत्रालय और स्टील मंत्रालय भी अब इसके लिए राजी हो गए हैं। इन विभागों का विरोध समाप्त होने के...
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नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर
विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
More »गांव उजाड़ा, बना रहे हैं टूरिस्ट सेंटर
जयपुर. एक ओर जहां सरिस्का को बाघों से आबाद करने के लिए गांवों को हटाया जा रहा है वहीं कोर एरिया में स्थित कांकवाड़ी किले को संवारा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं। वन विभाग की इस कारगुजारी पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसे गंभीर मसला बताते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने को कहा...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »नर्मदा से आगे जाती एक लड़ाई...
सरकारी दुराग्रहों के बावजूद भारत में सबसे लंबे समय से चल रहे 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' ने 25 साल पूरे कर लिए हैं. प्रियंका दुबे इस आंदोलन के उतार-चढ़ाव भरे सफर को साझा करते हुए बता रही हैं आज यह आंदोलन किस भूमिका में है. विंध्यांचल और सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं के बीच बसे अपेक्षाकृत शांत निमाड़ अंचल में उस दिन शाम गहराने के साथ-साथ हलचल बढ़ती जा रही थी. पश्चिमी मध्य प्रदेश...
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