कायदे से उन्हें ग्यारहवीं तक की भी शिक्षा हासिल नहीं हुई है लेकिन उनके काम आज कृषि विज्ञानियों के लिए हैरत का विषय बने हुए हैं। जिस दौर में किसान हताशा में आत्महत्या कर रहे हैं उसी दौर में उन्होंने अपने संकल्प और प्रयोगधर्मी सोच के बूते करोड़पति किसान का तमगा हासिल किया है और साथी किसानों को सम्मान के साथ आजीविका कमाने के राह दिखाई है।उत्तरप्रदेश के जिला बाराबंकी...
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