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क्या ‘मिड डे मील’ शिक्षा में घुन है?-- मणीन्द्र ठाकुर

ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षा की हालत कैसी है? यदि आप इस सवाल को लेकर नीतिकारों के पास जायेंगे, तो लगेगा कि अब भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है. क्योंकि बिहार के गांवों में भी लगभग सौ फीसदी बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं. लेकिन, धरातल पर कहानी कुछ और है. पिछले दिनों किसी गांव के एक विद्यालय में जाने का मौका मिला, जहां साठ-सत्तर के दशक तक...

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केंद्र शासित राज्यों की व्यथा कथा-- एस. श्रीनिवासन

दिल्ली के बाद अब पुडुचेरी में उप-राज्यपाल और जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के बीच घमासान नए-नए मोड़ ले रहा है। उप-राज्यपाल किरण बेदी ने राज्य मंत्रिमंडल पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है, तो मुख्यमंत्री एम नारायणसामी ने जवाबी हमले में उप-राज्यपाल के आरोपों को बेतुका बताते हुए बेदी को निर्वाचित सरकार के कामकाज में रुकावट पैदा करने वाली बताया और उन्हें तुरंत वापस बुलाने की केंद्र...

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अंग्रेजी की दीवार गिराए बिना नहीं मिलेगी हिंदी को जमीन-- आशुतोष कुमार

हिंदी को लेकर माहौल फिर गर्म होने लगा है। इसके पीछे दो केंद्रीय मंत्रियों के ताजा बयान हैं। एक ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। सच्चाई यही है कि संविधान में राष्ट्रभाषा की कोई अवधारणा नहीं है। हिंदी सरकारी भाषा है, अंग्रेजी के साथ-साथ। संविधान लागू करते समय कहा गया था कि अगले पंद्रह वर्षों में अंग्रेजी हटा दी जाएगी। लेकिन गैर हिंदीभाषी राज्यों के विरोध के कारण ऐसा...

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डिजिटल मीडिया का सच-- अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी

भारतीय लोकतंत्र की व्यापक परिधि में आज भी वह परिपक्वता नहीं है, जो किसी स्वस्थ समाज और लोक कल्याणकारी राज्य के लिए आवश्यक है। समाज में गरीबी, कम शिक्षा दर, सांप्रदायिक सोच, जातीय उन्माद, जेंडरगत कुंठा, व्यक्तिगत स्वार्थपरता और पूंजी के शातिराना खेल ने जिस परिवेश को बढ़ाया है, उसमें लोकतांत्रिक मूल्यों का लगातार क्षरण हो रहा है। जबकि देश में मीडिया के प्रति विश्वसनीयता की लंबी परंपरा रही है।...

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बलरामपुर कलेक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया अपनी बेटी का दाखिला

अंबिकापुर/बलरामपुर। निजी स्कूलों की शिक्षा को महत्वपूर्ण मानने वाले अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों के साथ आम नागरिकों को यह खबर सोचने पर मजबूर कर सकती है। शिक्षा के मामले में संवेदनशील माने जाने वाले बलरामपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने अपनी पांच वर्षीया सुपुत्री बेबिका का दाखिला बलरामपुर जिला मुख्यालय में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में कराया है। शिक्षा गुणवत्ता को लेकर पूरे प्रदेश में कवायद चल रही है। इसके चलते अधिकांश सरकारी स्कूलों की...

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