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Budget 2023 में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया, कृषि-स्टार्टअप को भी मिला बढ़ावा

दिप्रिंट, 1 फरवरी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए बुधवार को घोषणा की कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है. बजट 2023-24 में किसानों के लिए कई खास और महत्वपूर्ण...

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आट्टे के दाम पर काबू पाने के लिए 30 लाख टन गेहूं बाजार में बेचने पर मजबूर हुई सरकार!

गाँव सवेरा 28 जनवरी गेहूं के दाम में आई रिकॉर्ड तेजी के बाद केंद्र सरकार ने अपने भंडार से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार की ओर से 30 लाख टन गेहूं की बिक्री ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSL) के जरिए होगी. सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार विशेष ओपन मार्केट सेल स्कीम योजना के तहत खरीदार की बिक्री इस...

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सतही शिक्षा व्‍यवस्‍था और श‍िक्षकों की कमी: देश में बढ़ते कोचिंग कल्चर की असल वजह?

इंडियास्पेंड, 27 जनवरी शीतलहर के चलते उत्तर भारत के स्कूलों की समय सारणी में बदलाव किए गए हैं। लेक‍िन 12 वर्षीय आयुष यादव कड़ाके की ठण्ड में सुबह लगभग 8 बजे काले रंग का बैग कंधे पर टांगे मम्मी-पापा को बाय बोल ई-रिक्शॉ पर बैठ कोचिंग क्लास के लिए निकल जाते हैं, फ‍िर वहां से सीधे स्‍कूल। प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करने वाले आयुष के पिता शिव शंकर यादव, 36, कहते...

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देश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी: सरकार

द वायर, 25 जनवरी भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में चिकित्सा विशेषज्ञों की 80% कमी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि इसमें सर्जन, प्रसूति विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ,  फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए रेफरल केंद्रों के रूप में काम करते हैं. इसमें एक ऑपरेशन थिएटर,...

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बिहार : APMC ख़त्म होने के बाद उत्पादन तो बढ़ा पर नहीं हुआ किसानों को फ़ायदा !

न्यूज क्लिक, 24 जनवरी  "साल 2006 में मंडी क़ानून ख़त्म होने के बाद राज्य में मूल्य और उत्पादन स्तर पर किसानों को गेहूं और धान में क़रीब 90 हज़ार करोड़ रुपये और सभी फ़सलों को मिला दें तो लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हो रहा है।" बिहार के सुपौल जिला के बीना बभनगामा गांव के 54 वर्षीय अजय मिश्रा बताते हैं, "हमने 2022 के दिसंबर महीने में निजी व्यापारी नरेश...

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