लखनऊ। एंटी करप्शन ब्यूरो लखनऊ की टीम ने यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के तहत बीपीएल परिवारों के नाम पर लाखों का चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। फैसिलिटेटर कम्पनी के साथ कई डाक्टर भी सीबीआई के घेरे में हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो की दो टीमों ने मंगलवार को वाराणसी व लखनऊ में एक साथ छापा मारकर इस स्कीम की फैसिलिटेटर कम्पनी मेसर्स एमडी इंडिया हेल्थ केयर सर्विसेज के फर्जीवाड़े का पता लगाया है। ...
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ग्राम अदालतों का गठन जल्द करें राज्य
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी को त्वरित न्याय मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने राज्य सरकारों से जल्दी से जल्दी ग्राम अदालतें स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्राम न्यायालय अधिनियम पारित कर चुकी है। अगर राज्य सरकारें इसे अमल में लाएं तो पूरे देश में पंचायत स्तर पर 5000 से ज्यादा अदालतें पूरी तस्वीर बदल सकेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अदालतों में ढाई करोड़ मुकदमे...
More »भुखमरी को ले हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
कटक। बलांगीर जिलांतर्गत खपराखोल ब्लाक के चाबिरीपाली निवासी झींटू बरिहा और उनके परिवार के चार सदस्यों की भुखमरी के चलते मौत होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। झींटू की भुखमरी से मौत को जिला प्रशासन ने नकार दिया है। सीबीआई एवं मानवाधिकार आयोग को इस घटना की जांच करने का निर्देश देने के लिए करुणाकर भोई नामक एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की...
More »चावल घोटाले में आईएएस प्रसाद पर मुकदमा दर्ज
चंडीगढ़. 1993 बैच के आईएएस के. शिवा प्रसाद के खिलाफ केस चलाने के लिए केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग ने मंजूरी दे दी है। सीबीआई ने घटिया चावल लेने के तीन मामले शिवा प्रसाद पर दर्ज किए हैं। एफसीआई के सीनियर रीजनल मैनेजर रहते हुए उन पर केस दर्ज किए गए थे। मालूम हो कि सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने सितंबर और अक्टूबर 2005 में कई जिलों में छापे मारकर 451 सैंपल कलेक्ट किए...
More »ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज
छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...
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