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स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला

दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...

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बंद कमरे में पड़े ही एक्सपायर हो गईं 19 लाख की दवाइयां

गुना। प्रदेश के 27 जिलों में भेजी गईं जेनेरिक दवाओं की खरीदी और वितरण के नाम पर खपाने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा भी एडीएम गुना की जांच में हुआ, जब उन्होंने एक दशक से बंद ड्रग वेयरहाउस का कक्ष खुलवाया। इसमें करीब 19 लाख की एक्सपायर दवाएं पाई गईं। इस पर एडीएम ने सीएमएचओ से जवाब तलब किया, तो मालूम चला कि ज्यादातर दवाएं तो बिना जरूरत के...

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ब्रांडेड दवाओं की महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जेनेरिक दवाओं को अनिवार्य करने की घोषणा ने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. एक बड़ा तबका इसके समर्थन में खड़ा है तो दूसरी ओर डॉक्टरों का समुदाय और दवा कंपनियां इस घोषणा पर बेहद तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बनाएगी, जिससे डॉक्टरों के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य...

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मनमानी की दवा और मरीज-- पीयूष द्विवेदी

सरकार अगर जेनेरिक दवाओं के लिए कोई कानून लाती है, तो कुछ ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए। जो भी दवा जेनेरिक हो, उस पर मोटे अक्षरों में जेनेरिक लिखा रहे। डॉक्टर अबूझ लिखावट के बजाय साफ-साफ लिखें जिसे मरीज भी पढ़ सकें। यदि किसी बीमारी की जेनेरिक दवा होते हुए भी डॉक्टर गैर-जेनेरिक दवा लिखते हैं, तो उसका कारण स्पष्ट करें।   राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के जरिये देश के सभी तबकों के...

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जल्द मिले सस्ती औषधि की सौगात - डॉ एके अरुण

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि ऐसा कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत चिकित्सकों को उपचार के लिए महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं (जो मूल दवा है और सस्ती होती है) ही लिखनी होंगी। उल्लेखनीय है कि बेहद महंगी दरों पर मिलने वाली ब्रांडेड दवाएं मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर इतनी भारी पड़ती हैं कि अधिकांश तो पर्याप्त मात्रा में दवाएं...

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