भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
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130वें पायदान पर!
भारत में धन तो बहुत बढ़ा है, लेकिन इस देश का नागरिक अपनी स्वतंत्रताओं के मामले में कितना आगे बढ़ा है? छह दशक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था पौने तीन लाख करोड़ रुपये की थी, जो आज 57 लाख करोड़ रुपये की हो चुकी है. लेकिन, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होते भारत में क्या उन लोगों की जीवन-स्थितियां भी इसी तेजी से बेहतर हुई हैं, जिनकी आंखों से आंसू...
More »डब्ल्यूटीओ की बैठक शुरू, विकासशील देशों के लिए कृषि महत्वपूर्ण मुद्दा
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक मंगलवार को नैरोबी में शुरू हुई। केन्या जैसे सदस्य देशों ने लंबे समय से लंबित दोहा दौर के कृषि जैसे महत्वपूर्ण मसलों के समाधान पर जोर दिया। भारत भी लगातार दोहा दौर के लंबित मुद्दों मसलन विकासशील देशों को विशेष सुरक्षा तंत्र (एसएसएम) पर जोर देता रहा है जिससे वे अपने गरीब किसानों के हितों का संरक्षण कर सकें। मीडिया को संबोधित करते हुए 10वें...
More »साइकिल वाले वैज्ञानिक पर्यावरण बचाने वाले लोगों के लिए बने प्रेरणा
जबलपुर। वेतन इतना है कि हर साल नई कार या बाइक खरीद सकते हैं लेकिन आराम और रुतबे से ज्यादा चिंता इन्हें बिगड़ते पर्यावरण की है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के चीफ एग्रोनॉमिस्ट डा. वी.के. शुक्ला साइकिल से ही विश्वविद्यालय जाते हैं। दिन भर के काम भी साइकिल से ही निपटाते हैं। इन्हें साइकिल वाले साइंटिस्ट के नाम से भी पहचाना जाने लगा है। 61 साल के फिट डा. शुक्ला को...
More »प्रदूषण के विरुद्ध
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर पिछले कुछ बरसों से बराबर अध्ययन आते रहे। सबमें चेतावनी का ही स्वर था। पर ये चेतावनियां अनसुनी की जाती रहीं, या उन पर पर्याप्त गौर नहीं किया गया। अब दिल्ली के वायु प्रदूषण पर काबू पाने की कवायद तेज हो गई दिखती है। देर से ही सही, दुरुस्त आयद। पर यह अंदेशा भी पैदा हुआ है कि हड़बड़ी में कहीं अव्यावहारिक कदम तो...
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