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लोकसभा में उठी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

नयी दिल्ली/पटना : शैक्षणिक , औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से बिहार के पिछड़ेपन की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए आज लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की पुरजोर मांग की. शून्यकाल के दौरान जनता दल यू के शरद यादव ने कहा कि वर्ष 2012 के बजट भाषण में पिछड़े राज्यों के लिए विशेष व्यवस्था किये जाने की बात कही...

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सबसे ज्यादा अनपढ़ लोगों का देश- श्योराज सिंह बेचैन

यह दुखद सच्चाई पिछले दिनों एक सर्वेक्षण के जरिये सामने आई कि भारत अनपढ़ वयस्कों की सर्वाधिक आबादी वाला देश है। आंकड़ा बताता है कि अनपढ़ों की यह जनसंख्या उन्तीस करोड़ को छूने जा रही है। इससे अधिक चिंता का विषय और क्या होगा कि पूरी दुनिया की अनपढ़ आबादी का 37 फीसदी हिस्सा उस भारत में है, जो अपने आप को विश्व गुरु मानता रहा है, और जिस देश के...

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घरेलू नौकरों के जीवन और जीविका की दशा पर परिचर्चा

इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज, सीएसडीएस, द्वारा आयोजित परिचर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं   विषय- Work like any other? Accounting for domestic work in India वक्ता: भारती बिरला, राष्ट्रीय परियोजना समायोजनक, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन(ILO)   नीता पिल्लई, प्रोफेसर, सेंटर फॉर विमेन्स डेवलपमेंट स्टडीज          अमरजीत कौर, राष्ट्रीय सचिव, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस   मैक्सिमा एक्का,डोमेस्टिक वर्कर्स फोरम ब्रदर वर्गीज थेकनाथ- समायोजक, डोमेस्टिक वर्कर्स फोरम ऑव इंडिया   तारीख: 19 फरवरी ∣ स्थान: प्रेस क्लब ऑव इंडिया ∣ समय:...

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जैविक खेती के प्रति बढ़ा रुझान अब सर्टिफिकेशन का इंतजार

रांची से तकरीबन 40 किमी दूर कुच्चू पंचायत के डिमरा गांव के सोहराय बेदिया इस बार 10 एकड़ जमीन पर सेम की खेती कर रहे हैं. उनके खेतों में सेम की लताएं फलियों से भरी हैं. यह अपने आप में अजीब नजारा है कि जब उनके आसपास के तमाम खेत परती पड़े हैं, पानी के अभाव में कोई किसान खेती करने के लिए तैयार नहीं है. उनके खेत लहलहा रहे हैं. वे...

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विषमता का विकास- सुषमा वर्मा

जनसत्ता 17 फरवरी, 2014 : विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में यह रहस्योद्घाटन  किया कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले पंद्रह बरस में बढ़ कर बारह गुना हो गई है। क्रिस्टीना के अनुसार, इन मुट्ठी भर अमीरों के पास इतना पैसा है जिससे पूरे देश की गरीबी को एक नहीं, दो बार मिटाया जा सकता है। लेगार्ड के इस बयान से पुष्टि होती है...

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