डेटा की सुरक्षा और प्राइवेसी के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के नौ जजों ने सामूहिक सहमति से अगस्त 2017 में एक बड़ा फैसला दिया था. इसके बाद जस्टिस श्रीकृष्णा समिति की विस्तृत सिफारिशों पर कानून में समग्र बदलाव की बजाय टुकड़ों में किये जा रहे सरकारी प्रयास, आलोचना के शिकार हो रहे हैं. भीड़ की हिंसा को रोकने के नाम पर सरकार द्वारा सोशल मीडिया...
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कृषि जोतों के आकार में कमी चिन्ता का सबब: नई कृषि जनगणना
खेती-किसानी के मोर्चे से एक बुरी खबर आयी है. नयी कृषि जनगणना के आंकड़ों का संकेत है देश में कृषि जोतों का औसत आकार लगातार कम हो रहा है.(आंकड़ों के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) साल 2010-11 में कृषि जोतों का आकार 1.15 हेक्टेयर(राष्ट्रीय औसत) था जो पांच साल बाद 2015-16 में घटकर 1.08 हेक्टेयर हो गया है. कृषि-जोतों के आकार में कमी लागत और व्यावहारिकता के तकाजे से चिन्ता...
More »नस्लवाद और गांधी का नजरिया- रामचंद्र गुहा
क्या मोहनदास करमचंद गांधी नस्लवादी थे? यह सवाल घाना में गांधी की प्रतिमा हटाने के कारण एक बार फिर से सुर्खियों में है। जिस याचिका के बाद मूर्ति हटाई गई, उसमें गांधी के कई बयानों का जिक्र किया गया था। हालांकि गांधी के ये बयान खासतौर से दक्षिण अफ्रीका में उनके शुरुआती दिनों के हैं। एक वयस्क परिपक्व गांधी अफ्रीका और अफ्रीकियों के संदर्भ में, नस्ल और नस्लवाद के बारे...
More »समस्या की अनदेखी करते समाधान-- हिमांशु
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत ने कृषि संकट को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है। इस चुनावी जीत के निश्चय ही कई कारक थे, लेकिन खेतिहरों की दुश्वारियां इन सबमें प्रमुख थीं। यह माना जाता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी कृषि संकट को लेकर उदासीन रही है, बल्कि कुछ हद तक उसने इसे बढ़ाया ही है, लेकिन वास्तव में इस...
More »चौरासी के बदलते चेहरे और हम- शशिशेखर
एक शराबी ने मेरे पिता के शरीर पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगाने के लिए माचिस की डिब्बी दिल्ली पुलिस के एसआई एन के कौशिक ने दी। उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। उनका पूरा शरीर जल रहा था। मैं दूर खड़ी देख रही थी। पिता आग से बचने के लिए पास के नाले में कूद गए। दंगाइयों ने उन्हें बाहर निकाला और दोबारा उनकी देह में...
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