बिहार के गया जिले के पट्टी टोला गांव के पट्टी बंगला नामक महादलित टोला के लोग आज भी इस मिथ के शिकार हैं कि बच्चों को टीका लगवाने से वे बीमार पड़ जाएंगे। इसलिए जब कभी भी वहां सरकारी बाल टीकाकरण कैंप लगाए जाते हैं, तो माता-पिता उस दिन बहाने बनाकर अपने बच्चों को वहां नहीं ले जाते। यह समस्या कमोबेश देश की कई अन्य गरीब बस्तियों में भी...
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बिजली का हाल कदम तो उठे, अब रोशनी का इंतजार- सुहेल हामिद
देश में बिजली और मांग के बीच का अंतर 3.6 फीसदी देखने में भले ही कम लगता हो, लेकिन इसे पूरा करने की राह इतनी आसान भी नहीं है। यह अंतर तब है, जब इस साल बिजली उत्पादन 8.4 फीसदी बढ़ा है। देश के कई हिस्सों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति आज भी एक सपना है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एनडीए सरकार ने...
More »बिहार--1254 में से 330 गांवों में ही पहुंचायी बिजली: रामकृपाल
पटना: पटना जिले में चल रही ज्यादातर सरकारी योजनाओं का बुरा हाल है. न तो स्थानीय अधिकारी ठीक से काम कर रहे हैं, न ही मॉनीटरिंग ही ठीक ढंग से हो पा रही है. चिंतनीय हालात हो गये हैं. यह कहा जा सकता है कि पटना राज्य में पिछड़ रहा है. यह कहना है सांसद रामकृपाल यादव का. समाहरणालय में निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में समीक्षा के बाद...
More »साड़ी-गहने बाद में, पहले बताओ कहां है शौचालय
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का असर समाज में काफी गहराई तक घर कर गया है। यह इसी से समझा जा सकता है कि महाराष्ट्र में एक लड़की ने शादी तय होने के बाद साड़ी-गहने को छोड़ कर पहले ससुराल में शौचालय होने की जरूरत पर बल दिया। उसे पता चला था कि उसके ससुराल के लोग खुले में शौच करने जाते हैं। इस पर उसने अपने परिजनों...
More »गांवों की ओर भी देखें हुक्मरान- देविन्दर शर्मा
किसी गांव की एक महिला बकरी खरीदना चाहती है। वह आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है। यह जानते हुए कि उसे मदद मिल सकती है, वह इस काम के लिए लघु वित्तीय संस्थान (एमएफआई) में संपर्क करती है। उसे लगभग 7,000 रुपए की जरूरत है। एक स्वयं सहायता समूह के जरिए काम कर रही एमएफआई उसे 24 प्रतिशत की दर पर ब्याज के हिसाब से यह...
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