संजय सिंह, बांका। बिहार के मुंगेर व बांका जिले की सीमा पर बदुआ नदी के किनारे बसे गढ़ी मोहनपुर गांव की महिलाओं में गजब का उत्साह और जज्बा है। कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने को वे हमेशा तैयार रहती हैं। चाहे अपराधियों का मुकाबला हो अथवा बाहरी तत्वों के अन्याय व जुल्म का। गांव की महिलाएं पूरे जोश-खरोश के साथ संघर्ष को तैयार रहती हैं। गांव के हरेक...
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ग्रामीण राजधानी के लिए पैदल रवाना
बेमेतरा. गत चार सितंबर को ग्राम कठिया में घटित घटना के बाद 34 ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों एवं कथित ज्यादती को लेकर 17 सितंबर को सुबह 10 बजे ग्राम कठिया के ग्रामीण पद मार्च करते हुए राजधानी के लिए कूच किए। इनमें काफी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल थे। वे पुलिस ज्यादती के खिलाफ नारे लगाते प्रकरण वापस लेने मांग कर रहे थे। कुछ दूरी तक छग स्वाभिमान...
More »एक चिठ्ठी बस्तर की व्यथा की......
छत्तीसगढ़ के तृणमूल स्तर के कई कार्यकर्ताओ ने देश के जनपक्षी धड़ों के लिए एक टिप्पणी जारी की है। इस टिप्पणी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और आदिवासियों के बीच जारी संघर्ष को विराम देने की अपील की गई है।छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से संबद्ध सुधा भारद्वाज का तर्क है कि विद्रोह को दबाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में नरसंहार की आशंका बलवती हो गई है और इसे रोकने के लिए...
More »हिंदुस्तान की 40 हजार वर्ग किमी जमीन पर नक्सलियों का कब्जा
नई दिल्ली. देश के 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में नक्सलियों का कब्जा है और इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह खुलासा संसदीय पैनल के समक्ष किया है। संसदीय पैनल की बैठक बुधवार को प्रधानमंत्री के उस बयान के बाद बुलाई गई थी, जिसमें उन्होंने नक्सलवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। आंतरिक मामलों पर संसद की...
More »दमन का दुश्चक्र...
मणिपुर ऐसी जगह बन चुकी है जहां ज्यादातर चीजें जैसी दिखती हैं या बताई जाती हैं वैसी असल में होती नहीं. डर यहां के लोगों की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. कहा जाता है कि अकेले इस साल ही विद्रोहियों और सुरक्षा बलों के टकराव में अब तक 300 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।फर्जी मुठभेड़ का सच सामने आने के बाद सुलगते मणिपुर का दौरा करके आईं...
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