जयपुर. मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन को उम्रकैद की सजा का फैसला ऐसा फैसला है जिसने लोकतंत्र में आम आदमी के बोलने और अपने हक की आवाज उठाने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। यह बात रविवार को यहां बिनायक की पत्नी इलिना सेन ने कही, जो महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में प्रोफेसर हैं। बिनायक सेन की सजा के विरोध में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विनोबा ज्ञान मंदिर में खुली चर्चा रखी। कार्यक्रम...
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कृषि मंत्री के गृह जिले दमोह के किसान ने किया आत्मदाह
दमोह. प्रदेश के दमोह जिले में मौसम की मार,इल्ली से फसलें चौपट होने और नकली खाद-बीज के कारण किसान आत्महत्याएं करने को मजबूर हैं। किसान कर्ज लेकर खेती के लिए खाद और बीज खरीदते हैं, लेकिन नकली खाद और बीज किसानों की अच्छी फसल की उम्मीदों पर बुरी तरह कहर ढा रहे हैं। इल्लियों के प्रकोप और मौसम की मार से बर्बाद हुई फसलों के बाद कर्ज में डूबे एक किसान...
More »ग्रीन कार्ड के बदले अब गोल्डन कार्ड
रायपुर। राज्य शासन द्वारा छोटे परिवार को बढ़ावा देने के लिए गोल्डन कार्ड और सिल्वर कार्ड के नाम से नई योजना शुरू की जा रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि यह योजना शीघ्र लागू की जाएगी। इसे पहले के ग्रीन कार्ड की तुलना में ज्यादा आकर्षक और प्रभावी बनाया गया है। श्री अग्रवाल ने बताया कि योजना में गोल्डन और सिल्वर कार्डधारियों को तुरंत आर्थिक लाभ...
More »कौन हैं बिनायक सेन?
खादी का बिना प्रेस किया हुआ कुर्ता-पाजामा और पैरों में साधारण स्पोर्ट्स शू पहने 58 वर्षीय डॉक्टर बिनायक सेन को देखकर अक्सर उनके समूचे व्यक्तित्व का पता नहीं चल पाता. जेल में दो बरस रहने से पहले तक समय पहले तक उनकी लंबी दाढ़ी हुआ करती थी और लोग उन्हें सीधे-सादे सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में जानते थे तो कुछ एक बौद्धिक चिंतक के रुप में. लेकिन अब पुलिस उन्हें नक्सलियों का...
More »कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी
परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...
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