वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
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प्रदेश में दस साल और बनी रहेगी डॉक्टरों की कमी
भोपाल। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश में यह दिक्कत आने वाले दस साल तक बनी रह सकती है। इसकी वजह मप्र का देश के उन राज्यों में शामिल होना है, जहां सबसे कम मेडिकल कॉलेज है। प्रदेश में शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या मिला भी दी जाए तो भी कुल 18 ही कॉलेज है, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा है। प्रदेश में...
More »चेन्नई की सड़कों से यूरोप तक जयवेल का सफर
जयवेल का जन्म चेन्नई की गलियों में ही हुआ. उसके माता-पिता आंध्र के नेल्लोर गांव के किसान थे. वह भारी कर्ज में फंसे थे. उन्होंने अपनी जमीन बेची और काम की आस में शहर आ गये. महीनों तक काम ढूंढ़ने पर भी जब नाकामयाबी ही हाथ लगी तो भीख मांगकर गुजारा करना शुरू कर दिया. जयवेल भी बड़ी बहनों और छोटे भाई के साथ भीख मांगने लगे. इसके बावजूद...
More »प्रदूषण का प्रकोप:दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल...
केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि वर्ष 2015 और 2016 के दौरान दिल्ली और फरीदाबाद अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले शीर्ष पांच शहरों में शामिल हैं। पयार्वरण मंत्री अनिल माधव दवे ने सोमवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। पयार्वरण मंत्री ने लिखित उत्तर मे बताया कि शहरों को विभिन्न परिणामों के साथ विभिन्न मानक प्रदूषकों के आधार पर श्रेणियां दी जा सकती हैं।...
More »‘माननीयों’ को बस अपनी चिंता-- आशुतोष चतुर्वेदी
सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बढ़ोत्तरी के फैसले और इसके तौर तरीके पर सवाल उठ रहे हैं. देश की सर्वोच्च अदालत ने जब इस पर सवाल उठाया, तो सांसदों को यह नागवार गुजरा और कुछेक सांसदों ने तो न्यायपालिका से दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपनी सीमा में रहे. सांसदों की दलील थी कि अपना वेतन-पेंशन बढ़ाने का अधिकार उनके पास है और अदालतें इस विशेषाधिकार...
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