SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 62

रोजगार और सामाजिक सुरक्षा-- अनुज लुगुन

मई दिवस का सप्ताह श्रमिकों के संघर्ष के इतिहास, उनके अधिकार और भविष्य में उनकी स्थिति के विश्लेषण, बहस और नारेबाजी का सप्ताह बन जाता है. ‘दुनिया के मजदूरों एक हो' के बुलंद नारों के साथ यह धीरे-धीरे अगले मई दिवस तक के लिए गुम हो जाता है. श्रम और उसके मूल्य का संबंध मानव समाज के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है. विभिन्न समय में यह अलग-अलग रूपों...

More »

श्रम के भूमंडलीकरण की जरूरत-- कृष्णप्रताप सिंह

विडंबना देखिए कि भूमंडलीकरण के भरपूर व्याप जाने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में नहीं. ऐसा क्यों है? दरअसल, 19वीं शताब्दी के नौवें दशक तक मजदूर अत्यंत कम व अनिश्चित मजदूरी पर सोलह-सोलह घंटे काम करने को अभिशप्त थे. सन् 1810 के आसपास ब्रिटेन में उनके सोशलिस्ट संगठन ‘न्यू लेनार्क' ने राबर्ट ओवेन...

More »

कम हो रही हैं श्रमबल में महिलाएं-- अजीत रानाडे

भारत की श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में महिलाओं का हिस्सा पिछले तेरह वर्षों के दौरान तेजी से गिरा है. यह कामकाजी उम्र की महिलाओं की कुल संख्या की तुलना में वैसी महिलाओं का अनुपात है, जो पारिश्रमिक पाते हुए रोजगार कर रही हैं. इस अनुपात में आयी गिरावट दरअसल एक अरसे के दौरान आयी है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्ष से 24 वर्ष की महिलाओं...

More »

ऐसे तो नहीं बचेंगी बेटियां-- रीता सिंह

नीति आयोग का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि देश के इक्कीस बड़े राज्यों में से सत्रह राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज हुई है। नीति आयोग ने अपनी ‘हेल्दी स्टेट्स एंड प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट में कहा है कि सबसे चिंताजनक हालत गुजरात की है जहां सबसे ज्यादा तिरपन अंकों की गिरावट दर्ज हुई है। जबकि हरियाणा में पैंतीस अंक, राजस्थान में बारह अंक, उत्तराखंड में...

More »

युवा केंद्रित बजट से मिलेगी मजबूती-- वरुण गांधी

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत में आधिकारिक रूप से 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं, जिनमें अधिकांश युवा हैं. श्रम और रोजगार मंत्रालय की बीते साल की रिपोर्ट बताती है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार, कुल रोजगार का सिर्फ 10.1 फीसद है, जबकि हमारे 60 करोड़ से अधिक कामगारों को असंगठित क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है, जहां सीमित सामाजिक सुरक्षा मिलती है और न्यूनतम वेतन का...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close