-बंधुआ मुक्ति मोर्चा नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर ईरेडिकेशन ऑफ़ बोंडेड लेबर उत्तरप्रदेश ने बंधुआ मुक्ति मोर्चा दिल्ली को दिनांक 13/11/2020 को सूचना दी कि 16 मजदूरों को को अल्पसंख्यक समुदाय से है को जिला संभल के मछाली गांव में एच प्लस एच भट्टे में चल रही बंधुआगिरी से मुक्त कराया जावे। तत्काल बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने संभल जिले के जिलाधिकारी एवं एडीएम को एक शिकायत भेजकर मानव तस्करी से पीड़ित बंधुआ मजदूरों...
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मनु का क़ानून और हिंदू राष्ट्र के नागरिकों के लिए उसके मायने
-द वायर, हाल ही में चेन्नई में भाजपा ने अपनी नई नेता खुशबू के नेतृत्व में तमिलनाडु के सांसद थिरुमावलवन द्वारा मनुस्मृति के बारे में की गई टिप्पणियों के विरोध में प्रदर्शन किया गया था. यह शायद भाजपा द्वारा मनुस्मृति के समर्थन में पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था. ऐसा लगता है कि संघ परिवार अब खुलकर इस पुरातन ग्रंथ के पक्ष मे हमलावर रुख अपनाकर सामने आना वाला है. दरअसल, 5 अगस्त 2019...
More »कोरोना काल में बिगड़ी घुमन्तु समुदाय (Nomadic Tribe) की औरतों की स्थिति
-सबरंग, डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनुसार “किसी भी समाज की प्रगति का आकलन उस समाज में महिलाओं की प्रगति के द्वारा किया जा सकता है” लेकिन आज भी भारतीय समाज में औरतों ख़ास कर घुमंतू समाज के औरतों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. भारत सांस्कृतिक रूप से विविधता वाला देश है जिसमें विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोग रहते हैं. हर वर्ग में महिलाओं की स्थिति भिन्न तरीके से...
More »क्या भारत में गैर सरकारी संगठनों के लिए अब कोई जगह नहीं बची है?
-सत्याग्रह, हाल ही भारत में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से जुड़ी दो खबरों ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं. पहली खबर मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़ी है. भारत सरकार ने एमनेस्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए जिसके बाद संस्था ने भारत में अपना काम बंद करने की घोषणा कर दी. दूसरी खबर विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) में किया गया बदलाव है. इन दो...
More »हाशिए पर दलित
-आउटलुक, “कई ऐसे नीतिगत फैसले हुए जिनसे दलितों को उनके संवैधानिक अधिकार कम होने की आशंका” शुरुआत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निराशाजनक तथ्य से करते हैं। इस साल की शुरुआत में आई इसकी रिपोर्ट के अनुसार दलितों के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। इनमें बलात्कार, हत्या और जमीन से जुड़े विवाद शामिल हैं। इन अपराधों में 2014 से 2018 के दौरान 45 फीसदी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद...
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