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एक शोध में हिमालय के मज़बूत गद्दी चरवाहा समुदाय पर प्रकाश डाला गया है

 द थर्ड पोल, 17 नवम्बर गद्दी, हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा चरवाहा समुदाय है। वर्ष 2011 में हुई हालिया भारतीय जनगणना के हिसाब से इनकी आबादी 1,78,000 है।  अब जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयन वाटरशेड की आबादी प्रभावित हो रही है, ऐसे में गद्दी समुदाय को लेकर इस तरह के शोध उपयोगी साबित हो रहे हैं: गद्दी समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियां, और उनके जवाब में इनकी प्रतिक्रियाएं बेहद अहम...

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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में रस्टी स्पॉटेड कैट की निगरानी के लिए 100 कैमरा ट्रैप

मोंगाबे हिंदी, 8 नवम्बर  पिछले महीने राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अपने बिल्ली के बच्चे को ले जाते हुए एक रस्टी स्पॉटेड कैट (लोहे पर लगे जंग जैसे धब्बे) (वैज्ञानिक नाम- प्रियोनैलुरस रुबिगिनोसस) की तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद अधिकारी सक्रियता के साथ इस प्रजाति की निगरानी के लिए रणनीतियां तैयार कर रहे हैं। भरतपुर राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक (वन्यजीव) और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक...

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खतरे में हैं हिल स्टेशन: असंवेदनशील योजनाओं का दंश झेल रहे हैं पहाड़ी शहर

डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हिमालयी राज्यों के शहर और कस्बे इस वक्त त्रासदी के नए अड्डे बन गए हैं। 2023 के मॉनसून में हिमाचल में शिमला और अन्य शहरों में जान-माल की तबाही इसका जीता-जागता उदाहरण है। इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों के धंसाव ने इसके नाजुक होने की निशानी पेश की। जरूरत से ज्यादा आबादी, भवन और सालाना पर्यटकों के बोझ से दब और बिखर रहे इन...

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किसान क्यों जलाता है पराली, क्या है स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर हर वर्ष की तरह इस बार फिर 31अक्टूबर 2023 को दिल्ली-एनसीआर मे गंभीर वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा। राजधानी क्षेत्र दिल्ली और साथ लगते प्रदेशों मे गंभीर वायु प्रदूषण से सर्दी के मौसम का आगमन पर 10 करोड़ से ज्यादा...

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खतरे में हिल स्टेशन: शिमला और मनाली की तबाही के लिए दोषी कौन?

डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर हिमालयी राज्यों में पर्यटन का केंद्र बने पहाड़ी शहरों में बढ़ रही आपदाओं की पड़ताल करती यह रिपोर्ट डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका की आवरण कथा की दूसरी कड़ी हैत्र इससे पहले की कड़ी में आपने पढ़ा: आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम?     माना जाता है कि शिमला शहर 18वीं शताब्दी में एक घना जंगल था। 1864...

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