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भारत के अक्षय-ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने में छोटी पवन चक्कियां कितनी उपयोगी हैं?

 मोंगाबे हिंदी, 20 अक्टूबर चेन्नई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सेंथिल कुमार ने हाल ही में दक्षिणी तमिलनाडु में मदुरै के पास अपने गृहनगर सुंदरपंडियम के दौरे पर पहली बार बिजली कटौती के कारण होने वाली परेशानियों को अनुभव किया। उन्होंने परेशानियों को याद करते हुए बताया, “मुझे पता था कि मेरे माता-पिता बिजली कटौती का सामना कर रहे थे। लेकिन जब मैं वहाँ गया तो मुझे एहसास हुआ कि यह कितना...

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एचटीबीटी कॉटन और जीएम सरसों को मंजूरी की तैयारी, 20 साल बाद मिलेगी किसी जीएम फसल को स्वीकृति

रूरल वॉयस, 17 अक्टूबर देश में बीस साल बाद जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की मंजूरी मिल सकती है। यह फसलें हैं- हर्बिसाइड टॉलरेंट बीटी कॉटन जिसे एचटीबीटी कॉटन कहा जाता है, और जीएम सरसों की किस्म। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इन दोनों फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की मंजूरी का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अब जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी की औपचारिकता ही बाकी...

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क्यों महत्वपूर्ण है भारत-अमीरात आर्थिक समझौता, इससे कैसे बढ़ेगा निर्यात

-रूरल वॉइस, संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) हाल ही पूरा हुआ है। इसे इस लिहाज से उल्लेखनीय माना जाना चाहिए कि इसमें कई बातें पहली बार हुई हैं। 2019 के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के बाद पहली बार भारत सरकार ने आर्थिक सहयोग समझौते (ईसीए) में तेजी दिखाई है। भारत और अमीरात के बीच सीईपीए पहला ईसीए है जिसपर एक दशक से भी ज्यादा समय...

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बांधों पर मंडराता खतरा: टिकाऊ माडल की तलाश

-इंडिया वाटर पोर्टल, संसद द्वारा हाल ही में उपलब्ध कराई जानकारी के अनुसार देश में 100 साल से अधिक पुराने बांधों की संख्या 227 है। उल्लेखनीय है कि इन 227 बांधों को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहली श्रेणी में वे बांध आवेंगे जिनका निर्माण भारत के परम्परागत विज्ञान के आधार पर किया गया था। दूसरी श्रेणी में वे बांध आवेंगे जिनका निर्माण विदेशी इंजीनियरिंग के आधार...

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​आर्सेनिक डॉक्यूमेंट्री: बंगाल के विधवा गांव और मानवाधिकार का सवाल

-न्यूजलॉन्ड्री, कोलकाता से कोई 70 किलोमीटर दूर बशीरहाट ब्लॉक के पश्चिम पाड़ा गांव में 65 साल की सोइबा बाला बार-बार आर्सेनिक पर अपनी व्यथा बयां कर थक चुकी हैं. करीब 15 साल पहले उनके पति निरंजन बाला की मौत आर्सेनिकोसिस से हो गई. वह बांग्ला में अपने परिवार की आपबीती हमें सुनाती हैं. हताशा और बेबसी से कहती हैं कि 15 सालों में आर्सेनिक समस्या पर बात करने के लिए डॉक्टरों,...

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