जनसत्ता 24 दिसंबर, 2012: राजीव गांधी एक मर्तबा राजस्थान के दौरे पर गए थे और अपनी सभा खत्म होने के बाद पंडाल से निकलते समय स्थानीय लोगों से उनकी दिक्कतों के बारे में पूछ रहे थे। कुछ किसानों ने कहा कि साहब पिछले साल हरी मिर्च के दाम आसमान पर चल रहे थे तो नफे की आस में हम लोगों ने इस बार पूरे खेत में मिर्च बोई थी। हरी मिर्च...
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अंगदान और सामाजिक पूर्वग्रह- सुभाष गताडे
जनसत्ता 20 अक्टुबर, 2012: दिल्ली के एक अग्रणी अस्पताल में पिछले दिनों एक अलग किस्म के सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। महज सत्रह साल की उम्र में दुर्घटना की शिकार हुई पायल (बदला हुआ नाम)- जिसे डॉक्टरों ने ब्रेन-डेड घोषित किया था उसके माता-पिता इस समारोह के केंद्र में थे, जिनके बेहद कठिन निर्णय से तीन लोगों की जिंदगी बची और दो लोगों की दृष्टि वापस लौटी। निश्चय ही उनके लिए...
More »कृपा बरसाने वाला मुख्यमंत्री राहत कोष खाली- पवन कुमार की रिपोर्ट
रांची। मुख्यमंत्री राहत कोष से फिलहाल किसी भी जरूरतमंद को मदद नहीं मिलेगी। कोष में एक रुपया भी नहीं होने के कारण सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। लोगों और संस्थाओं द्वारा दान न देने से कोष खाली हुआ है। मदद के लिए सरकार के पास एक दर्जन लोगों के आवेदन लंबित हैं। मुख्य सचिव एसके चौधरी ने राज्य के आला अधिकारियों को पत्र लिख कोष के लिए सार्थक...
More »टेमी फ्लू का डबल डोज भी बेअसर, स्वाइन फ्लू का आतंक
भोपाल। राजधानी में स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता इस बात को लेकर बढ़ गई है कि मरीज पर दवा का असर नहीं हुआ है। यह केस सामने आने के बाद राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को डॉक्टर्स व आम लोगों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि यदि परिवार के किसी सदस्य को सर्दी, खांसी और बुखार है तो उसे सार्वजनिक स्थानों पर...
More »सावधान! आपकी थाली में सब्जी नहीं 'जहर' हैं!- मुकेश कुमार
लखनऊ। बेमौसम हरी-भरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि प्रकृति के विरुद्ध जाकर हम जो काम करते हैं, उसका साइड इफेक्ट क्या होता है? नहीं हमारे पास इतनी फुर्सत कहां जो अपने हेल्थ के बारे में सोच सकें। पर नहीं जनाब इस घटना और जानकारी के जानने के बाद आप...
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