द प्रिंट, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में कोविड-19 के मामलों की स्थिति पहले से बेहतर है. उन्होंने लोगों से लापरवाही न बरतने की अपील की और कहा कि आने वाले दिनों में कोरोनावायरस कौन सा रूप लेगा ये किसी को नहीं पता. केजरीवाल ने कहा, ‘कुछ जानकार सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि दिल्ली में पीक आकर चला गया है. लेकिन मेरी गुज़ारिश है किसी तरह...
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राजनीति से प्रेरित है दिल्ली हिंसा की पुलिस जांच : अपूर्वानंद
-कारवां, अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर होने के साथ एक मानव अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत हिंदुत्व के उभार पर बेबाकी से लिखा और बोला है. पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे थे तो अपूर्वानंद ने इस कानून के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई. साथ ही वह...
More »कोरोना वायरस: केजरीवाल और केंद्र के आपसी मतभेद की वजह से दिल्ली में बिगड़े हालात?
-बीबीसी, दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 3390 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ कोरोना संक्रमण के कुल मामले 73780 हो गए हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि राजधानी में कोरोना के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि टेस्ट की संख्या तीन गुना कर दी गई है. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''पहले जब पाँच से छह हज़ार टेस्ट रोज़ाना...
More »दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच चल क्या रहा है?
-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘दोस्तों चंद अस्पताल इतने पॉवरफुल हो गए हैं. हर पार्टी में उनकी ऊपर तक पहुंच है. अंदर प्राइवेट में उन्होंने धमकी दी है कि हम कोरोना के मरीज नहीं लेंगे, जो करना है कर लो. मैं उनको कहना चाहता हूं मरीज तो आपको लेने पड़ेंगे. आप लोगों का अस्पताल दिल्ली में पैसे कमाने के लिए नहीं बनवाया गया था. आपका अस्पताल बनवाया था दिल्ली की लोगों की सेवा करने के...
More »लाख दावों के बावजूद 45 डिग्री की झुलसाती गर्मी में रह रहे प्रवासी मजदूर
-न्यूजलॉन्ड्री, 17 मई, 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, “दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी है. अगर वो दिल्ली में रहना चाहते हैं तो उनका पूरा ख़्याल रखेंगे और अगर वो अपने गांव लौटना चाहते हैं तो उनके लिए ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं. किसी भी हालत में उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ेंगे.” क्या दिल्ली सरकार...
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