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मोदी सरकार के टीकाकरण प्रोपगेंडा को तथ्यों और संदर्भ के साथ समझें

-न्यूजक्लिक, 28 जून से कोरोना टीकाकरण को लेकर जबरदस्त प्रोपगेंडा चल रहा है। भारत सरकार, प्रधानमंत्री मोदी, तमाम मंत्री, मंत्रालय, आईटी सेल, मीडिया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं कि भारत टीकाकरण के मामले में पहले स्थान पर आ गया है और अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी और इटली को भी पीछे छोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि भारत में 32 करोड़ 36 लाख से ज्यादा वैक्सीन दी जा चुकी हैं।...

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बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है चीन की कोविड वैक्सीन ‘कोरोना वैक’: लांसेट

-द प्रिंट, एक अध्ययन में पता चला है कि चीन निर्मित कोविड रोधी टीके ‘कोरोना वैक’ की दो खुराकें बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षित हैं तथा उनमें मजबूत एंटीबॉडी बनाने में सक्षम हैं. यह अध्ययन ‘दि लांसेट इन्फेक्शस डिजीज’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है. सिनोवैक निर्मित ‘कोरोना वैक’ के 550 प्रतिभागियों पर किए गए पहले एवं दूसरे चरण के ट्रायल में पता चला कि अनुसंधान में शामिल 96 फीसदी से अधिक...

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डेल्टा प्लस वेरिएंट: क्या कोरोना की तीसरी लहर को रोक सकता है भारत?

-बीबीसी, भारत ने अब धीरे-धीरे खुलना शुरू कर दिया है. अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी 'बेहद भयंकर' लहर ने देश में भारी तबाही मचाई, लेकिन जून में संक्रमण की दर कम होती देख प्रशासन ने अधिकांश राज्यों में कोरोना से संबंधित प्रतिबंध या तो हटा लिए हैं या बहुत मामूली प्रतिबंध लागू हैं. जबकि जानकार कह रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर अगले कुछ ही महीने में दस्तक दे...

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नित वेश बदलती महामारी और टीकाकरण की चुनौती: बिहार के कुछ ज़मीनी अनुभव

-जनपथ, इससे पहले भयानक बीमारियों के बारे में बस किताबों में पढ़ा था लेकिन पिछले साल से सब कुछ आंखन देखी हो गया। कोविड-19 ने दुनिया भर की सरकारों को विश्वव्यापी बन्द रखने को मजबूर कर दिया। रेल के पहिये थम गये, हवाई जहाज जमीन पर ही रह गये और लोग अपने अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गये। दवा आने से पहले सिर्फ बचाव ही कोविड-19 से बचने...

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कभी न भूलें: कोविड-19 से बचे एक पीड़ित की अपील

-न्यूजक्लिक, नोबेल पुरस्कार विजेता और होलोकॉस्ट(हिटलर के नरसंहार) में बच गये एली विज़ेल ने कहा था,'तटस्थता पीड़ित को नहीं,बल्कि उत्पीड़क को मदद पहुंचाती है। मौन उत्पीड़ित को नहीं,बल्कि ज़ुल्म करने वालों को ही हमेशा प्रोत्साहित करता है।' इसी रौशनी में कोविड-19 के प्रकोप से बच गयी तान्या अग्रवाल हाल के इतिहास में किसी सरकार की सबसे बुरी व्यवस्थागत नाकामियों और ज़िम्मेदारियों की अनदेखी को कभी नहीं भूलने के सिलसिले में लिखती हैं। तान्या...

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