SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 384

जम्मू और कश्मीर में निर्माण परियोजनाओं की दिक्कतों से जूझ रहे निवासियों को सताने लगा लिथियम माइनिंग का डर

द थर्ड पोल, 29 मई इस साल फरवरी में भारत की प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसी ने घोषणा की कि उसे 59 लाख टन लिथियम भंडार के “अनुमानित स्रोत” मिले हैं। यह घोषणा जम्मू और कश्मीर के रियासी ज़िले में रहने वाले लोगों के लिए खुशी की बात नहीं थी। सरकार ने पहले ही इस ज़िले में कीमती लिथियम के खनन की सुविधा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच...

More »

भारत की पहली वाटरबॉडी गणना सही कदम लेकिन लंबी दूरी तय करना बाकी

 न्यूज़लॉन्ड्री, 27 अप्रैल भारत ने पहली बार यह गणना की है कि देश में कितनी वाटरबॉडी हैं. यह काफी महत्वपूर्ण आंकड़ा है क्योंकि बढ़ती आबादी के साथ जलसंसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए पानी जैसे अमूल्य रिसोर्स को संरक्षित करना जरूरी है. जिसके लिये मजबूत डाटाबेस चाहिए. वैसे केंद्र सरकार के पास उन जल निकायों का आंकड़ा होता है, जिन्हें मरम्मत, नवीनीकरण और...

More »

झारखंड के 85% कोयला श्रमिक चाहते हैं वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रशिक्षण: रिपोर्ट

कार्बनकॉपी, 24 अप्रैल भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसके लिए कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त (फेज आउट) करने की आवश्यकता है। इस एनर्जी ट्रांजिशन का कोयला श्रमिकों की आजीविका पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में गंभीर होगा, जहां भारत की एक चौथाई से अधिक कोयले की खानें हैं। झारखंड में ऊर्जा परिवर्तन के प्रभावों और...

More »

झारखंड में बॉक्साइट खनन से बंजर होती आदिवासियों की कृषि भूमि, गिरता भूजल स्तर

मोंगाबे हिंदी, 11 अप्रैल झारखंड के गुमला जिले में नेतरहाट पठार पर स्थित डुंबरपाठ एक आदिवासी आबादी वाला गांव है। यह गांव चारों ओर से बॉक्साइट की खदानों से घिरा है, जहां भारी मात्रा में बॉक्साइट का खनन होता है। पिछले करीब 30 सालों से लगातार हो रहे खनन और अयस्क से भरे ट्रकों की आवाजाही से इस क्षेत्र की जमीन लगभग बंजर हो चुकी है, हवा में फैले धूलकण लोगों...

More »

सोना खनन में लगे 40 लाख से ज्यादा महिलाएं और बच्चे खतरे की कगार पर: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 27 मार्च छोटे स्तर पर सोना खोजने और निकालने के लिए जहरीले पारे का उपयोग किया जाता रहा है, जिससे इससे जुड़े लोगों के स्वास्थ्य को भारी खतरा होता है। जबकि इसकी रोकथाम को लेकर मिनामाटा कन्वेंशन नामक एक वैश्विक संधि भी है, जिसमें सोने के खनन वाले देशों को नियमित रूप से जहरीले पारे की मात्रा के उपयोग की जानकारी देनी होती है। यह संधि देशों को...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close