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प्रदूषण की चपेट में समुद्री जीवन-- अरविन्द कुमार सिंह

हाल ही में ‘नेचर जियोसाइंस' पत्रिका का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि वायु प्रदूषण की वजह से समुद्री जीवन विषैला बन रहा है। यह खुलासा स्पेन के वैज्ञानिकों ने किया है। उनके शोध के मुताबिक जीवाश्म र्इंधन का उपयोग, औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन और जंगल की आग समुद्री जीवन को जहरीला बना रहे हैं। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि इनसे उत्सर्जित पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएचएस) नामक घातक रसायन...

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एंथ्रोपोसीन मतलब मानव युग -- बिभाष

वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मत है कि आइस एज के बाद बारह हजार वर्षों का स्थिर जलवायु का दौर होलोसीन, जिसके दौरान मानव सभ्यताओं का विकास हुआ, अब समाप्त हो चुका है. इस दौर की समाप्ति का कारण है मानव जाति का धरती की जलवायु में जबरदस्त हस्तक्षेप. वैज्ञानिक नये दौर को एक नया नाम 'एंथ्रोपोसीन' देना चाहते हैं. द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने तो वर्ष 2011 में ही...

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रायपुर में राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति होगी लांच

रायपुर। देश की राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लांच होगी। 4 व 5 जुलाई को केंद्रीय खान मंत्रालय के अफसर, खनिज उत्पादक बारह राज्यों के खनिज मंत्री, सचिव सहित निवेशक, खनन कंपनियों के प्रतिनिधि, शिक्षा व अर्थशास्त्री जुटेंगे। पूरे देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में खनन व खनिज पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मलेन किया जा रहा है। केंद्रीय खनन मंत्रालय व छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से आयोजित...

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विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित हुआ कच्चा तेल

प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...

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नमक के नए दारोगा- विकास नारायण राय

जनसत्ता 11 अप्रैल, 2014 : संसाधन घोटालों (कोयला, लोहा, गैस, तेल, रेत, जल, जंगल, जमीन) से बोझिल राजनीतिक वातावरण में, देश के शासन का ईमानदारी से संचालन, 2014 के चुनावी घोषणापत्रों की एक प्रमुख थीम है। तीस हजार करोड़ रुपए चुनाव में दांव पर लगाने वाले राजनीतिकों में होड़ है कि अगला ‘नमक का दारोगा’ कौन बनेगा! नमक जैसे सुलभ पदार्थ को औपनिवेशिक लूट का जरिया बनाए जाने की पृष्ठभूमि...

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