SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1703

पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 20 अक्टूबर  भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...

More »

पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर  भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...

More »

आपदाओं की गाज: 30 सालों में किसानों को हुआ 316.4 लाख करोड़ का नुकसान

 डाउन टू अर्थ, 17 अक्टूबर  पिछले तीन दशकों में किसानों को आपदाओं के चलते करीब 316.4 लाख करोड़ रुपए (380,000 करोड़ डॉलर) का नुकसान उठाना पड़ा है। मतलब की इन आपदाओं के कारण किसानों को हर साल फसलों और मवेशियों के रूप में औसतन 10.24 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) की चपत लग रही है। जो कृषि के वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब पांच फीसदी है। यह जानकारी खाद्य एवं...

More »

सूखा प्रतिरोधी बाजरा क्या भारत में खाद्य सुरक्षा का रास्ता खोल सकता है?

द थर्ड पोल, 10 अक्टूबर भारत सरकार, घरेलू स्तर पर और दुनिया भर में भारतीय दूतावासों के माध्यम से कम खपत वाली, जलवायु के लिहाज से लोचशील फसल, बाजरा की प्रोफाइल बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। इस प्रयास को विश्व स्तर पर मान्यता भी मिल रही है। जनवरी में, भारत के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया। जून में,...

More »

FCI को नहीं मिल रहे चावल के खरीदार, 7.51 लाख टन पेशकश के मुकाबले हुई सिर्फ 460 टन की खरीद!

 गाँव सवेरा, 17 जुलाई खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत एक तरफ केंद्र सरकार ने राज्यों को बोली लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है, दूसरी तरफ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जा रही गेहूं और चावल की ई-नीलामी में चावल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. एफसीआई द्वारा की गई चावल की दो नीलामी में सिर्फ 460 टन चावल की बिक्री हुई है, जबकि कुल पेशकश 7.51 लाख टन...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close