-द प्रिंट, बिल्ली होती है ना, बिल्ली. वह क्या करती है, दूध पीते समय अपनी आंखें बंद कर लेती है और सोचती है कि कोई उसे देख नहीं रहा. यही हाल पानी से जुड़ी सभी ऐजेंसियों को जोड़कर बनाए गए जलशक्ति मंत्रालय का भी है. गंगा पथ पर पानी की गुणवत्ता जांचे बिना वह हर घर नल जल पहुंचाने में जुटा है. डिटेल में जाने से पहले सौरभ सिंह की छोटी सी...
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पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: कितनी बदली हवा?
-डाउन टू अर्थ, जनवरी 2019 में शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी), वायु गुणवत्ता प्रबंधन व अनुपालन के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा बनाने की दिशा में एक कदम है। कार्यक्रम के तहत, पीएम 10 और पीएम 2.5 के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (एनएएक्यूएस) को पूरा नहीं करने वाले 122 शहरों की पहचान “गैर-प्राप्ति” शहरों के रूप में की गई है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत शहर गंगा...
More »पर्यावरण दिवस से नदी दिवस तक
-वाटर पोर्टल, इन दिनों बिहार राज्य में पानी और जंगल के लिए पानी रे पानी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत 5 जून से 27 सितम्बर 2020 के बीच नदी चेतना यात्रा निकाली जावेगी। इस यात्रा का शुभारंभ एक जून 2020 अर्थात गंगा दशहरा के दिन कमला नदी के तट पर जनकपुर में हो चुका है। नदी चेतना यात्रा के पहले चरण के दौरान मिथिलांचल की कमला नदी,...
More »खिल उठा पर्यावरण हवा-पानी हुआ शुद्घ
-इंडिया टूडे, वातावरण ऐसे खिल उठा है, मानो लॉकडाउन उसके लिए वरदान बनकर आया. यकीनन, कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए 24 मार्च से लागू लॉकडाउन गरीब-गुरबों और प्रवासी मजदूरों के लिए आफत बनकर आया है लेकिन इसका एक नतीजा हर तरह के प्रदूषण में भारी कमी के रूप में दिख रहा है. वाकई, यह सुखद एहसास पैदा करता है. मानो प्रकृति अपने मूल स्वरूप में लौट गई है....
More »कोरोना वायरस: गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में आया सुधार
-द वायर, कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन (बंद) के बाद से गंगा नदी की स्वच्छता में बड़ा सुधार देखा गया है क्योंकि इसमें औद्योगिक इकाइयों का कचरा गिरने में कमी आई है. विशेषज्ञों ने यह बात कही है. भारत में कोरोना वायरस के कारण तीन हफ्तों का बंद है. लॉकडाउन की वजह से 24 मार्च से ही देश की आबादी घरों में ही सिमटी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण...
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