पर्यावरण और हरियाली बचाने को लेकर जब भी बात की जाती है, तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 1970 के दशक के 'चिपको आंदोलन' का जिक्र होना स्वाभाविक है। पहाड़ के जंगलों को बचाने के लिए अलख जगाने वाली गौरा देवी और उनके सहयोगी इस आंदोलन के जनक और प्रेरणाश्रोत के रूप में देश-दुनिया में पहचाने जाते हैं। उत्तराखंड के दूर-दराज के जिले चमोली की ग्रामीण महिलाओं के अथक प्रयासों...
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चाय बागान श्रमिकों के लिए खुशखबरी, पेंशन देगी सरकार
कोलकाता : उत्तर बंगाल के चाय बागान श्रमिकों को विधानसभा चुनाव के पहले लुभाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने यहां अपना दबदबा बनाने के लिए सरकारी योजनाओं के तहत श्रमिकों को लाभान्वित करने का फैसला किया है. चाय बागान के श्रमिकों को खाद्य साथी योजना के तहत 47 पैसे प्रति किलो चावल व गेहूं देने की घोषणा के बाद अब राज्य सरकार...
More »फिर चाय बागान बंद, 1244 बेरोजगार
जलपाईगुड़ी़: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन चाय बागानों का दौरा कर मंगलवार को सिलीगुड़ी से दिल्ली के लिए रवाना हुई ही थीं कि एक और चाय बागान के बंद होने की खबर आ गयी़ निर्मला सीतारमन पिछले दो दिनों से सिलीगुड़ी और डुवार्स के दौरे पर थीं और इस दौरान उन्होंने बंद पड़े कइ चाय बागानों का दौरा किया था़. इसके अलावा उन्होंने सोमवार को बंद चाय बागानों...
More »भूखे रह कर गुजारा कर रहे पूर्व मंत्री कमल गुहा के रिश्तेदार
जलपाईगुड़ी: डंकन्स ग्रुप के बागराकोट चाय बागान में वाम मोरचा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय कमल गुहा और वर्तमान में उनके पुत्र व तृणमूल कांग्रेस के नेता उदयन गुहा के रिश्तेदार भी इन दिनों आधा पेट खाना खाकर किसी तरह से अपना गुजारा कर रहे हैं. कभी बंद चाय बागानों के श्रमिकों के हित में कमल गुहा उनके साथ खड़े थे. आज पूर्व कृषि मंत्री के रिश्तेदार डुवार्स के...
More »सरकार नहीं मानती भूख से हुई हैं मौतें
संकट : चाय बागानों में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, और पांच श्रमिकों की मौत एक तरफ उत्तर बंगाल के चाय बागानों में भूख और इलाज के अभाव में श्रमिक लगातार दम तोड़ रहे हैं. लेकिन मंगलवार को राज्य सरकार ने साफ कह दिया कि किसी श्रमिक की भूख या इलाज के अभाव में मौत नहीं हुई है. राज्य से श्रम मंत्री मलय घटक ने िवधानसभा में सवालों के जवाब...
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