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भारत की जनसंख्या 2023 में 142.8 करोड़ लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़ने की राह पर: यूएन रिपोर्ट

बुधवार को जारी संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन (State of World Population) रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, इस साल के मध्य तक भारत की आबादी 142.86 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो चीन की आबादी 142.57 करोड़ से अधिक होगी, जिसका आशय है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की राह पर है. इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि रिपोर्ट के अनुसार,...

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चीनी उत्पादन 18 लाख टन घटा, महाराष्ट्र में 21.5 लाख टन की भारी गिरावट

रूरल  वॉइस, 19 अप्रैल चालू चीनी वर्ष (2022-23) में उत्पादन घटने की आशंका सच साबित होने लगी है। चीनी का कुल उत्पादन करीब 18 लाख टन घट गया है। देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और तीसरे बड़े उत्पादक कर्नाटक के उत्पादन में बड़ी गिरावट की वजह से यह स्थिति बनी है। पिछले वर्ष के मुकाबले महाराष्ट्र में 21.5 लाख टन की भारी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि...

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गन्ना फसल में पानी की खपत भारत के इथेनॉल लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी चुनौती

29 मार्च, मोंगाबे हिंदी पिछले साल 2 नवंबर को, केंद्र ने अपने इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) के तहत 1 दिसंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 तक विभिन्न गन्ना-आधारित कच्चे माल से प्राप्त इथेनॉल के लिए नई उच्च कीमतों को मंजूरी दी थी। यह इथेनॉल आपूर्ति वर्ष मौजूदा चीनी सीजन के साथ मेल खाता है। केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस उच्च कीमत को मंजूरी देते हुए अपनी...

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सालाना 50 फीसदी की दर से नष्ट हो रहे हैं पहाड़ी जंगल, खतरे में जैव विविधता: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 28 मार्च  दुनिया के 85 फीसदी से अधिक पक्षी, स्तनपायी और उभयचर प्रजातियां पहाड़ी जंगलों में रहते हैं, लेकिन ये जंगल तेजी से गायब हो रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में, 2000 के बाद से 7.81 करोड़ हेक्टेयर यानी 7.1 फीसदी पहाड़ी जंगल गायब हो गए है। अधिकांश नुकसान उष्णकटिबंधीय जैव विविधता हॉटस्पॉट में हुआ है, जिससे संकटग्रस्त प्रजातियों पर दबाव बढ़ रहा है। 21वीं सदी की...

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यूपी और बिहार के गरीबों के बीच बढ़ता जा रहा है हानिकारक पैकेटबंद खाने का चलन: अध्ययन

जनपथ, 27 मार्च एक अध्ययन से पता चला है कि भारत के वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर लोग काफी मात्रा में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड का सेवन कर रहे हैं। एक ऐसे देश में जो कुपोषण के मामले में दुनिया के सबसे गंभीर दोहरे बोझ का सामना कर रहा है, सबसे कम आय वर्ग के लोग भूख का सामना करने से अस्वास्थ्यकर स्नैक्स पर निर्भर हैं। यह अध्ययन इस बात...

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