[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »SEARCH RESULT
पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
More »भारत की जवानी अब ढलान पर, 2036 तक कम हो जाएगा जनसंख्या में युवाओं का दबदबा
दिप्रिंट, 20 जुलाई पिछली तीन जनगणनाओं से मिले आंकड़ों के अनुसार, भारत की 29 वर्ष और उससे नीचे की युवा आबादी, 30 वर्ष या उससे अधिक की आबादी से आगे बढ़ गई है. लेकिन ऐसा लगता है कि स्थिति में बदलाव होने जा रहा है. भारत में युवा 2022 नामक रिपोर्ट के अनुसार, जिसे पिछले महीने सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने जारी किया, वर्ष 2036 तक देश की अधिकांश आबादी...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »विश्व जनसंख्या दिवसः भारत कब चीन को पीछे छोड़ देगा, कितनी है दुनिया की आबादी?
बीबीसी हिन्दी, 11 जुलाई साल 1989 में यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (1989) की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाने का फ़ैसला किया. इसके अगले साल यानी 1990 में पहली बार दुनिया के 90 देशों में 'विश्व जनसंख्या दिवस' मनाया गया. आबादी के ट्रेंड क्या कहते हैं? ये आंकड़े किस तेजी से बढ़ रहे हैं इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि दुनिया की...
More »