रूरल वॉयस, 03 जनवरी भारत को जी-20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब विश्व मानव इतिहास के सबसे अनिश्चित पलों से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली देशों की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ सरकार की प्राथमिकताएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि भारत का एजेंडा भोजन, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति का अराजनीतिकरण करके जी-20 देशों के बीच सहयोग और समन्वय को...
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जलवायु संकट: जलवायु रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में किया गया दर्ज
कार्बनकॉपी, 16 नवम्बर हमारी धरती तेजी से गर्म हो रही है और इसका एक और नया सबूत सामने आया है। जब जलवायु इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में दर्ज किया गया है। नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इस साल अक्टूबर के महीने में औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत...
More »कॉप-27: जलवायु परिवर्तन से बढ़ेंगी बीमारियां, हर साल 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों के आसार
डाउन टू अर्थ, 10 नवम्बर कॉप 27 जलवायु वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जलवायु संकट से लोग बीमार हो रहे हैं और यह जीवन को खतरे में डाल रहा है। इन महत्वपूर्ण वार्ताओं में स्वास्थ्य चर्चा के केंद्र में होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि सम्मेलन को जलवायु संकट से निपटने के लिए शमन, अनुकूलन, वित्तपोषण और सहयोग के चार प्रमुख लक्ष्यों के...
More »बढ़ते तापमान से भारत को जीडीपी में 5.4% का नुकसान
कार्बनकॉपी, 29 अक्टूबर बढ़ते तापमान के कारण भारत तथा अन्य G20 देशों को सभी क्षेत्रों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से उत्पन्न ऊर्जा संकट के पहले ही, G20 सरकारों ने 2021 में जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर 64 बिलियन डॉलर खर्च किए थे। विभिन्न देशों के कई संगठनों की साझेदारी द्वारा तैयार की गई जलवायु पारदर्शिता रिपोर्ट (क्लाइमेट...
More »जलवायु संकट: 23 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं दुनिया के एक फीसदी लोग
डाउन टू अर्थ, 6 अक्टूबर इसमें कोई शक नहीं की धरती पर मौजूद हर इंसान जलवायु में आते बदलावों के लिए जिम्मेवार है। लेकिन सभी इंसान समान रूप इस बदलती जलवायु के लिए जिम्मेवार नहीं हैं। वैश्विक स्तर पर लोगों द्वारा उत्सर्जित हो रही ग्रीनहाउस गैसों के बीच का यह अंतर काफी बड़ा है। इस पर किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि 1990 के बाद से वैश्विक स्तर...
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