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विकास के मौजूदा मॉडल के विनाशकारी पहलू- सच्चिदानंद सिन्हा

आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...

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आखिर किस कीमत पर विकास? - एमएम बुच

प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत में तीव्र आर्थिक विकास और औद्योगीकरण आवश्यक है, किंतु उत्पादन की गुणवत्ता इतनी ऊंची होनी चाहिए कि विश्व भर में उसकी ख्याति हो। साथ ही विकास एवं औद्योगीकरण पर्यावरण के अनुकूल हो। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए कि विकास के कारण पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यूपीए सरकार से यह शिकायत रहा करती थी कि भू-अर्जन नीति...

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आज वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों की दरकार- अनिल प्रकाश जोशी

सर्वोच्च अदालत ने उत्तराखंड में विवादित पनबिजली योजनाओं को निरस्त कर राज्य सरकार और निजी कंपनियों को साफ और सख्त संकेत दिए हैं। अदालत ने अनियमितताओं को गंभीरता से लिया है और स्पष्ट किया है कि पर्यावरण के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। इस कदम से भागीरथी और अलकनंदा नदी बेसिन वाली 24 परियोजनाओं पर रोक लग गई है। ऊर्जा आज की जरूरत है, इससे कोई इन्कार नहीं कर...

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पोलावरम परियोजना : डीएफओ की रिपोर्ट ने उड़ाई सरकार की नींद

जगदलपुर(ब्यूरो)। पड़ोसी राज्य तेलंगाना में निर्माणाधीन पोलावरम अंतरराज्यीय बहुउद्देशीय परियोजना के डूबान में आने वाले दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले के वनक्षेत्र को लेकर वन विभाग की एक रिपोर्ट ने सरकार की नींद उड़ा दी है। ऐसे समय जब प्रदेश सरकार पोलावरम परियोजना के डूबान से छत्तीसगढ़ को बाहर रखने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है, सुकमा वनमंडल ने एक रिपोर्ट जल संसाधन विभाग को भेज...

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दामोदर की जीवन रेखा को चाहिए जीवन दान- उमा(धनबाद)

-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...

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