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जलवायु परिवर्तन से जंग की आड़ में वैश्विक व्यापार में असमानता को बढ़ा रहे विकसित देश: सीएसई

डाउन टू अर्थ, 2 मार्च जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां मुक्त व्यापार का दामन छोड़ रही हैं। बड़े पैमाने पर सब्सिडी और टैरिफ के साथ यह देश संरक्षणवाद की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को इससे फायदा होगा। इस बारे में नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर...

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कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?

मोंगाबे हिंदी, 5 जनवरी उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला। समय के साथ इस अवधारणा को अलग-अलग तरीकों से लिया गया जिससे ‘कार्बन मूल्य निर्धारण’ की अवधारणा सामने आई। विश्व बैंक के अनुसार कार्बन मूल्य निर्धारण एक उद्योग द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण से नुकसान की भरपाई के लिए...

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बढ़ते तापमान से भारत को जीडीपी में 5.4% का नुकसान

कार्बनकॉपी, 29 अक्टूबर बढ़ते तापमान के कारण भारत तथा अन्य G20 देशों को सभी क्षेत्रों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से उत्पन्न ऊर्जा संकट के पहले ही, G20 सरकारों ने 2021 में जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर 64 बिलियन डॉलर खर्च किए थे।  विभिन्न देशों के कई संगठनों की साझेदारी द्वारा तैयार की गई जलवायु पारदर्शिता रिपोर्ट (क्लाइमेट...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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ग्लासगो के संकल्प कहीं हिमालय को बर्बाद न कर दें!

-गांव सवेरा, स्काटलैंड के शहर ग्लासगो में सीओपी26 (कान्फ्रेंस ऑफ पार्टिस 26) का आयोजन 1 नवंबर से शुरु हुआ था। भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें शामिल होते हुए जिन समझौतों और संकल्पों पर हस्ताक्षर किए हैं इससे न केवल भारत पर अमेरिका, ब्रिटेन जैसे साम्राज्यवादी देशों को शिकंजा बुरी तरह से कसा जाएगा बल्कि यह पूरे देश सहित हिमालय क्षेत्र के लिए बुरे नतीजे निकलने वाले हैं। नेट जिरो...

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