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यूपी के उन्नाव के 13 गाँवों में धान के खेत में भर गया नाले का गंदा और प्रदूषित पानी

गाँव कनेक्शन, 09 नवम्बर दस बीघा जमीन उन्होंने लीज पर ली थी। लेकिन आज जब उनकी फसल कटने के लिए तैयार खड़ी है, तो उसको बर्बाद होते हुए देखना 28 साल के श्रीकृष्ण रावत के लिए आसान नहीं है। वह इस नुकसान से काफी परेशान और दुखी हैं। "मैंने इस दस बीघा जमीन पर धान की खेती में अब तक 60,000 रुपये खर्च कर दिए थे। यह मेरी जमीन नहीं थी,...

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चंद दिनों पहले पानी की कमी से जूझ रही गंगा में भीषण रेत कटान, बनारस में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

जनचौक, 31 जुलाई पहले से ही छिछली गंगा में बहाव बढ़ने से रामनगर की तरफ रेत का बड़े पैमाने पर कटान खतरे का अलार्म बजा रही है। बनारस में गंगा नदी में 2021 में 12 करोड़ रुपए की लागत से अस्सी से राजघाट के समानांतर बाईं तरफ नहर बनाई गई थी, जिसे स्थानीय लोगों ने मोदी नहर का नाम दिया था, जो निर्माण वर्ष में ही गंगा में बाढ़ आने से...

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पंजाब- आत्महत्या से मरने वाले पंजाब के 9,000 से अधिक किसानों में से 88% कर्ज में डूब

गाँव सवेरा, 23 जून  इकनोमिक एंड पोलिटिकल वीकली (पत्रिका) के नए संस्करण में प्रकाशित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के एक अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के छह जिलों में साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या से 9,291 किसानों की मौत हुई है. सर्वेक्षण में शामिल  जिलों में संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मानसा, मोगा और बरनाला शामिल हैं. अध्ययन में यह पाया गया है कि इन सभी आत्महत्याओं में 88 फीसदी...

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असम: जिस ओर नजर सिर्फ पानी ही पानी, जान माल की भारी क्षति

न्यूज़लॉन्ड्री, 19 जुलाई असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है. यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी. इसी हाईवे पर 43 वर्षीय रहीसुद्दीन अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ मदद का इंतजार कर रहे हैं. राज्य में नगांव जिले के राहा अनुमंडल के काकोटी गांव निवासी रहीसुद्दीन अपने गांव वापस जाने के लिए किसी नाव की...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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