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महामारी से कितनी प्रभावित हुई दलित-आदिवासी शिक्षा?

-न्यूजक्लिक, पिछले दो सालों में कोरोना महामारी ने अन्य व्यवस्थाओं के साथ शिक्षा व्यवस्था को भी अस्त-व्यस्त कर दिया। सुखद है कि अब धीरे-धीरे शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। महामारी ने यूं तो सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को भी प्रभावित किया पर दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं का तो भविष्य ही दांव पर लग गया। इसमें हमारी जातिवादी और पितृसत्तावादी मानसिकता और उभर कर सामने आई। हाल ही में दलित आर्थिक अधिकार...

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Most Polluted Cities In India : पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक देशों में शामिल हुए हम, 100 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 43 सिर्फ भारत में

-जनज्वार, Most Polluted Cities In India : हाल में ही अमेरिका में बाइडेन प्रशासन (Biden Administration of USA) ने एक रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है जिसके अनुसार जलवायु परिवर्तन और तापमान बृद्धि (Climate Change & Global Warming) के प्रभावों से पूरी दुनिया में अराजकता बढ़ेगी, पर सबसे अधिक असर 11 देशों पर पड़ेगा, जिनमें भारत भी शामिल है। इस रिपोर्ट को अमेरिका की ख़ुफिया संस्थानों और पेंटागन (Intelligence agencies & Pentagan)...

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लखीमपुर खीरी हिंसा: दहशत और बाहुबल पर खड़ा महाराज अजय मिश्र टेनी का किला

-न्यूजलॉन्ड्री, लखीमपुर खीरी के बनवीरपुर में महिषादेवी सरस्वती माध्यमिक विद्यालय नाम का एक स्कूल है. जिसमें आसपास के इलाकों जैसे निघासन, बनवीरपुर और तिकुनिया से कई बच्चे पढ़ने आते हैं. यह स्कूल गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का है. यहां कक्षा छह में पढ़ने वाली पायल बताती हैं, "मेरी कक्षा में चार सरदार बच्चे पढ़ते हैं. कुछ दिनों से वो पढ़ने नहीं आ रहे हैं," इससे साफ पता चलता है कि लखीमपुर...

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जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए : सज्जाद लोन

-कारवां, सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष हैं. लोन के पिता अब्दुल गनी ने 1978 में पार्टी की स्थापना की थी. 2002 में संदिग्ध आतंकवादियों ने उस वक्त अब्दुल गनी की हत्या कर दी जब वह एक अन्य कश्मीरी नेता की स्मृति सभा में भाग ले रहे थे. लोन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की कमान संभाली. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में लोन ने स्वतंत्र...

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समाज के वंचित वर्गों के बच्चों के लिए बहुत कठिन है ऑनलाइन शिक्षा का रास्ता!

कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से एडटेक कंपनियों द्वारा शारीरिक कक्षाओं के विकल्प के तौर पर प्रचारित ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षा, का हमारे देश में एक बड़ा उपभोक्ता आधार बन गया है. हालाँकि, समाज के वचिंत वर्गों में, ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव और फैलाव बहुत कम है. वास्तव में, हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद वर्ग और जाति-विभाजन की गहरी जड़ें डिजिटल शिक्षा तक लोगों की पहुंच को प्रभावित करता...

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