-आउटलुक, "लेकिन हम फिर भी समूहों में गाएंगे, पिंजरे में बंद पंछी अभी भी गा सकता है।" ये शब्द किसी और के नहीं बल्कि फादर स्टेन स्वामी के थे, जिन्होंने जेल से अपने एक साथी जेसुइट पादरी को लिखे पत्र में कहा था। दोनों हाथों में लगातार झटके के साथ तेज पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित स्टेन ने पत्र लिखने के लिए इस दर्द को उठाया, क्योंकि वो अन्य कैदियों की दुर्दशा को उजागर...
More »SEARCH RESULT
आलेख : नृशंस साम्राज्य
-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...
More »‘विफल स्टेट’ और ‘स्टेट की विफलता’ दो अलग बातें हैं, शातिर मीडिया का खेल समझिए!
-जनपथ, ‘विफल स्टेट’ और ‘स्टेट की विफलता’- दोनों दो बातें हैं। उसी तरह, जैसे विफल सिस्टम और सिस्टम की विफलता अलग-अलग बातें हैं। जब आप स्टेट को ही विफल घोषित करते हैं तो बड़ी चतुराई से स्टेट के शीर्ष पर बैठे लोगों को उनकी विफलताओं के लिए बचा रहे होते हैं। एक नामचीन पत्रिका ने अपने आवरण पर बड़े हर्फ़ों में अपनी आवरण कथा का शीर्षक दिया, ‘विफल स्टेट’। बैकग्राउंड में जलने...
More »"हम मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के गवाह बन रहे हैं"
-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश में 2017 में सांप्रदायिक रूप से एक बहुत ही बंटे हुए चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मैदान में उतरे तो हालात की उत्तेजना और बढ़ गई. एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने राज्य सरकार पर - जो एक विपक्षी दल के हाथ में थी - आरोप लगाया कि वह श्मशानों की तुलना में कब्रिस्तानों पर अधिक खर्च करके मुसलमानों को खुश कर रही है....
More »तन मन जन: कोरोना की दूसरी लहर का कहर और आगे का रास्ता
-जनपथ, सबक सीखने के लिए एक वर्ष का समय कम नहीं होता। हम दिल से चाहते तो बीते 14 महीनों में कोरोनावायरस संक्रमण क्या अन्य महामारियों से भी बचाव का एक बेहतरीन मॉडल खड़ा कर अपने देशवासियों की जान बचा सकते थे। यदि नीयत साफ होती और हम जनकल्याण की दृष्टि से कुछ बेहतर करने की तमन्ना रखते तो चीन, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर आदि देशों की तरह बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था खड़ी...
More »