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अरुंधति रॉय: दो साजिशें और एक दाह संस्कार

-न्यूजलॉन्ड्री,  जब दीवाली करीब आ रही है, और हिंदू लोग अपने राज्य में (और उस नए भव्य मंदिर में, जो अयोध्या में उनके लिए बनाया जा रहा है) भगवान राम की सफल वापसी का उत्सव मनाने की तैयारियां कर रहे हैं, हम बाक़ी लोगों को बस भारतीय लोकतंत्र की सिलसिलेवार सफलताओं के जश्न से ही तसल्ली करनी पड़ेगी. एक बेचैन कर देने वाले दाह संस्कार की, एक महान साजिश को दफनाने...

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क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

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जातिगत भेदभाव को लेकर कब ख़त्म होगा भारतीयों का दोहरापन

-द वायर, ‘जाति समस्या- सैद्धांतिक और व्यावहारिक तौर पर एक विकराल मामला है. व्यावहारिक तौर पर देखें तो वह एक ऐसी संस्था है जो प्रचंड परिणामों का संकेत देती है. वह एक स्थानीय समस्या है, लेकिन एक ऐसी समस्या जो बड़ी क्षति को जन्म दे सकती है. जब तक भारत में जाति अस्तित्व में है, हिंदुओं के लिए यह संभव नहीं होगा कि वह अंतरजातीय विवाह करें या बाहरी लोगों के...

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संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा

“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी”   घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह   हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...

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NRC को पूंजीवादी दृष्टि से भी देखा जाना चाहिए

एनआरसी को अभी तक सिर्फ़ कम्युनल और संवैधानिक दृष्टि से ही देखा गया है। एनआरसी पूंजीवादी के कितना काम आ सकता है, किस तरह काम आ सकता है इस पर भी एक नज़र डाल लेना चाहिए। क्योकि पूंजीवादी जब फासीवाद को अपना हथियार बना लेता है तो दमन और क्रूरता के सारे पुराने मापदंड टूट जाते हैं।इसे समझना हो तोलोकल इंटेलिंजेंस यूनिट के हवाले से लिखी गई अमर उजाला की...

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