-आउटलुक, “महीने भर से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान सरकार की पेशकश से असंतोष जाहिर करके लंबी लड़ाई की तैयारी में, आखिर इसका हल है क्या? क्या सरकार सिर्फ टालते रहने के मूड में” हाड़ कपा देने वाली ठंड (3-4 डिग्री सेल्सियस तापमान) में खुले आसमान के नीचे हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से सड़कों पर बैठे हुए हैं। मांग बस इतनी है कि सुधार के नाम पर...
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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी
-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...
More »किसान आंदोलन का एक महीना: ‘हम अपने बच्चों को कॉरपोरेट का लेबर नहीं बनने देंगे’
-द वायर, बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के किसान धरने पर बैठे हुए हैं. ये किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाला एक केंद्रीकृत कानून लाया जाए. हालांकि, एक महीने के बाद भी केंद्र सरकार और किसान संगठनों के...
More »किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को नये साल से क्या उम्मीदें हैं?
-बीबीसी, मोदी सरकार के नये कृषि क़ानूनों की मुख़ालफ़त कर रहे हरियाणा-पंजाब के किसानों को नये साल से बहुत उम्मीदें हैं. किसानों को प्रदर्शन करते हुए महीना भर से अधिक हो चुका है, केंद्र सरकार से जारी बातचीत में उन्हें अब तक कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है, पर उन्हें विश्वास है कि जीत उन्हीं की होगी. किसानों की प्रमुख माँग अब यह है कि 'सरकार उन्हें बताये कि वो तीनों कृषि...
More »संसद के शीतकालीन सत्र के रद्द होने से सरकार को मुश्किल सवालों से बच निकलने में मिली मदद
-न्यूजक्लिक, इस महीने की शुरुआत में नये संसद भवन का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां असहमति की अपनी जगह है, वहीं किसी तरह के भिन्नता के लिए कोई जगह नहीं है। इसके बाद उन्होंने गुरु नानक का उद्धरण देते हुए कहा कि जब तक दुनिया का वजूद है, तब तक बातचीत जारी रहनी चाहिए और यही लोकतंत्र की आत्मा थी। यह विडंबना ही है कि मोदी द्वारा...
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