डाउन टू अर्थ, 25 सितम्बर नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा तहसील के ग्राम भैरोपुर के रहने वाले किसान संतोष पटवारी बताते हैं कि अगस्त माह में उनके क्षेत्र में 18 दिन तक बारिश नहीं हुई थी। सूखे जैसे हालत निर्मित हो गए थे। इससे धान, मक्का, सोयाबीन की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई। सितंबर के पहले सप्ताह में लंबे अंतराल के बाद बारिश शुरू हो गई। भारी बारिश से...
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सीधी बिजाई वाली धान की कटाई शुरू, मंडी में सरकारी खरीद करे सरकार
डाउन टू अर्थ, 20 सितम्बर पंजाब और हरियाणा में धान की सीधी बिजाई को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी खरीद 15 सितम्बर से शुरू की जानी चाहिए। केन्द्र सरकार द्वारा इन राज्यों में पहली अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू की जाती है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह फैसला अव्यवहारिक हो गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से भूजल संरक्षण के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार कम अवधि वाली...
More »पंजाब: किसानों के लिए आफत बना खरीफ सीजन,बाढ़ के बाद अब कीटों का हमला!
गाँव सवेरा, 18 सितम्बर पहले जुलाई में बारिश के कारण किसानों की 2 लाख एकड़ से अधिक धान और बासमती की फसल को भारी नुकसान हुआ. फिर अगस्त में, हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण अधिकारियों को भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा, जिसके चलते पंजाब में बड़े पैमाने पर खेती कई दिनों तक पूरी तरह से पानी में डूबी रही और अब सितंबर में धान की फसल कीटों के...
More »चावल की उपज पर मंडरा रहा खतरा, अगस्त की बारिश करेगी फैसला
डाउन टू अर्थ, 21 अगस्त जून और जुलाई में देश के कई हिस्सों में हुई कम वर्षा के चलते चावल उत्पादन पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, उड़ीसा के कटक स्थित राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में कृषि मौसम वैज्ञानिक देबाशीष जेना ने डीटीई को बताया कि"उत्पादन तभी प्रभावित होगा जब मानसून कोर जोन में मानसून खराब होगा, क्योंकि वहां फसल ज्यादातर वर्षा पर आधारित होती है।" भारत में कोर मानसून क्षेत्र पश्चिम...
More »दालों के बढ़ते दाम के बीच पढ़िए भारत में दलहन फसलों की उपेक्षा की पूरी कहानी
किसान तक , 17 अगस्त इसमें कोई शक नहीं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है. लेकिन, इसमें भी कोई शक नहीं है कि हम बड़े दाल आयातक भी हैं. सवाल यह है कि ऐसा विरोधाभास क्यों? जवाब यह है कि बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए दलहन फसलों की जितनी खेती होनी चाहिए थी, उस गति से रफ्तार नहीं बढ़ी. आजादी के बाद से ही...
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