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ताकि वे अपनी पसंद से खरीदें अनाज- कार्तिक मुरलीधरन

सस्ते दामों पर राशन का सार्वजनिक वितरण (पीडीएस) भारत की प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजना है, लेकिन यह कई जानी-पहचानी समस्याओं से घिरी है। सरकारी एजेंसियों का ही आकलन है कि पीडीएस पर सरकारी खर्च का एक बड़ा हिस्सा उचित लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता। इसके चलते, एक विकल्प सामने आया कि क्यों न इस सब्सिडी युक्त अनाज की जगह लाभार्थियों को (खाद्य पदार्थों पर खर्च करने के लिए) सीधा पैसे भेजे...

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देश के 8 प्रदेश हुए ‘केरोसिन मुक्त’, जानिए क्यों कम हो रही है खपत

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चारों ओर चार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ‘केरोसिन मुक्त' बन गए हैं, यह ईंधन के उपयोग को कम करने के लिए सरकार के अभियान की सफलता को दिखाता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश, दादर-नगर हवेली, दमन-दीव और पुडुचेरी ने वित्त वर्ष 19 की पहली तिमाही के लिए पीडीएस केरोसिन को नहीं हटाया है. चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में केरोसिन का आवंटन पहले ही बंद...

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बायोमेट्रिक पहचान कार्यक्रम में निजता की सुरक्षा करे भारत : IMF

वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत से आधार जैसे बड़े पहचान कार्यक्रम में निजता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी कदम उठाने के लिए कहा है। वैश्विक वित्तीय निकाय ने भारत को बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली में लीडर माना है। डिजीटल गवर्नमेंट पर आईएमएफ ने अपनी वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में कहा है डिजीटलाइजेशन से मजबूत संचालन और वित्तीय पारदर्शिता लाई जा सकती है। आईएमएफ ने एक दिन पहले गुरुवार को कहा था...

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पीडीएस में डीबीटी : झारखंड सरकार के फैसले पर सर्वेक्षण ने उठाये सवाल

डीबीटी यानि प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण की तरकीब सरकारी दस्तावेजों में भले अच्छी जान पड़े लेकिन जमीनी सच्चाई यही है कि लागू किए जाने की सूरत में लोग उसका विरोध करते हैं. झारखंड के रांची जिल के नगरी प्रखंड में कुछ ऐसा ही देखने में आया है जहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए अनुदानित मूल्य पर अनाज देने की जगह सरकार लाभार्थियों के अधार-सत्यापित बैंक खाते में नकदी प्रदान कर रही...

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नकदी के जरिये कुपोषण से लड़ाई--- आलोक कुमार

हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकडे़ हमारा उत्साह नहीं बढ़ाते, खासकर तब, जब हम इनको भारत की आर्थिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। भारत में प्रत्येक तीसरा शिशु कुपोषित है और मातृत्व-काल की हरेक दूसरी महिला अनीमिया से ग्रसित है। और ऐसा तब है, जब हम कुपोषण से सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं- स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये, स्वच्छता के...

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