SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 20

साक्षरता बढ़ाने का दायित्व उठाएंगे पीएसयू

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश से निरक्षरता मिटाने में नाकाम रही सरकार को साक्षरता बढ़ाने के लिए अब सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों [पीएसयू] का सहारा मिल गया है। उपक्रमों ने कारपोरेट सामाजिक दायित्व [सीएसआर] के तहत पढ़ाई-लिखाई में न सिर्फ आगे बढ़कर पहल की बात कही है, बल्कि इसके लिए सरकार को तीन महीने के भीतर एक कार्यक्रम भी बनाकर देने का भरोसा दिया है। स्कोप की पहल पर बुधवार को यहां सरकारी कंपनियों के...

More »

ग्रामीण लाइब्रेरियों में पुस्तकों की नहीं हो रही खरीद

पटना सार्वजनिक पुस्तकालयों में पर्याप्त संख्या में पुस्तकों की खरीद न होने से सूबे में चल रहे साक्षरता अभियान झटका लग सकता है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक जटिल होने वाली है जहां नवसाक्षर लोगों को सतत अध्ययन के प्रति प्रेरित करने के लिए किताबें उपलब्ध नहीं होने से वे फिर निरक्षरता के गर्त में गिर सकते हैं। मानव संसाधन विकास विभाग सूत्रों के अनुसार बजट में लाइब्रेरियों के लिए 80...

More »

चहारदीवारी से आगे की दावेदारी

हरियाणा में केवल महिलाओं द्वारा चलाई जा रही एक पंचायत पुरानी रूढ़ियों को तोड़ते हुए कामयाबी की नई इबारत लिख रही है. नेहा दीक्षित की रिपोर्ट महिलाएं, पुरुषों से कहीं अधिक श्रेष्ठ हैं. -महात्मा गांधी हरियाणा में मेवात जिले के नीमखेड़ा गांव के बीचों-बीच बना है गांव का पंचायत घर. साग-सब्जी की क्यारियों और नजदीक ही घूमती बत्तखों और कुत्तों के कारण पंचायत घर का माहौल काफी घरेलू लगता है. भीतर जाने के...

More »

बाप रे बाप! इतनी महंगाई में 12 बच्चे

कठुआ, वरिष्ठ संवाददाता : देश में बढ़ती आबादी से आने वाले समय में होने वाली समस्याओं को देखते हुए सरकार ने कई उपाय शुरू कर रखे है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण परिवार नियोजन कार्यक्रम है, जो पूरे देश में चलाया जा रहा है। लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी लोग है, जिन्हें सरकार के इस कार्यक्रम से कुछ लेना देना नहीं है। वे अभी भी 12-12 बच्चे पैदा कर सरकार के कार्यक्रमों को झटका दे रहे...

More »

शिक्षा

खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।*  • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close