अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते की घोषणा हुई। इसे भारत की ऊर्जा संबंधी जरूरतों के नजरिए से बेहद खास माना जा रहा है। हालांकि एक बड़ा सवाल ये जरूर उठ रहा है कि इस समझौते से किसको ज्यादा फायदा होगा? भारत को या फिर अमेरिका को। कहा ये भी जा रहा है कि इससे अमेरिकी कंपनियों को तत्काल फायदा होगा। इस...
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भूमि अधिग्रहण पर मध्यमार्ग- सुधांशु रंजन
केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून (उचित मुआवजे का अधिकार एवं भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना अधिनियम, 2013) में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी किया है. कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने संसद सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद अध्यादेश जारी किये जाने को अलोकतांत्रिक एवं संसद का अपमान बताया है, जबकि सरकार का पक्ष है कि सरकार ने संदेश देने का प्रयास किया है कि उद्योगों...
More »पुरानी परेशानियों का खुलेगा पिटारा - जयराम रमेश
विगत सोमवार को मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के संदर्भ में जो कुछ सामने आया है, उसके तहत कुछ परियोजनाओं की अलग श्रेणी बनाई गई है, जिन्हें कथित तौर पर त्वरित ढंग से पूरा किया जाना है। इस श्रेणी के तहत जो विषय शामिल किए गए हैं, उनमें औद्योगिक कॉरिडोर, रक्षा एवं रक्षा उत्पादन तथा ग्रामीण बुनियादी...
More »क्या रूबल की खराब सेहत पूरी दुनिया का मूड बिगाड़ेगी?
दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं की सेहत अच्छी नजर नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा नाजुक स्थिति रूस की है, जहां कि मुद्रा रूबल में भारी गिरावट हो रही है। इससे वहां के नागरिकों के साथ ही कई देशों की धड़कने बढ़ गई हैं। संकट जारी रहा तो मंदी का भारी दौर देखना पड़ सकता है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनट येलने का कहना है कि रूस में जारी संकट...
More »विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित हुआ कच्चा तेल
प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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