-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...
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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?
-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण ए वंजलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...
More »एक नहीं, कई देशों के लिए खतरा बन चुके हैं ये टिड्डी दल
-डाउन टू अर्थ, अकेली टिड्डी खतरनाक नहीं होती। लेकिन जब वे समूह में आ जाते हैं तब उनका व्यवहार आश्चर्यजनिक रूप से परिवर्तित हो जाता है। व्यवहार में यह बदलाव और समूह में रहने की प्रवृत्ति को ग्रेगराइजेशन कहा जाता है। समूह में वे एक साथ उड़ते हैं और फसलों पर हमला करते हैं। 2019 में में कहर बरपाने वाले रेगिस्तानी टिड्डी दल की उत्पत्ति 2018-2019 के सर्दियों के दौरान यमन...
More »दवाओं के अवशेषों का एक घातक कॉकटेल पी रहे हैं हम
एक नया प्रदूषक तत्व पर्यावरण में प्रवेश कर रहा है. यह तत्व किसी की बीमारी को ठीक करता है, लेकिन इसका बाकी बचा हिस्सा पर्यावरण को बीमार कर रहा है. इससे भी बड़ी बात है कि यह लाखों लोगों को भी बीमार कर रहा है. यह जीवों पर भी असर डाल रहा है, खासकर वन्य जीवों को इससे खतरा है. यह नया प्रदूषक हमारी दवाओं के रसायनों का अवशेष है, जो...
More »केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 170,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र में खनन को मंजूरी दी
नई दिल्लीः केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के परसा में घने हसदेव अरंद जंगल में ओपन कास्ट कोल माइनिंग को पर्यावरणीय मंजूरी दे दी. इस फैसले से भारत में वन संरक्षण के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हसदेव अरंद लगभग 170,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला मध्य भारत के घने जंगलों में से एक है. परसा हसदेव अरंद के 30 कोयला ब्लॉकों में से एक है,...
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