-गांव कनेक्शन, स्काटलैंड के शहर ग्लासगो में चल रहे 2021 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP26 का आज 12 नवंबर को समापन हो जाएगा। दुनिया के तमाम देश इसके परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन तमिलनाडु का वन विभाग इस दिशा में काम करने के लिए पहले से ही तैयार है। तमिलनाडु सरकार और उसके वन विभाग ने हाल ही में, अपने समृद्ध वन भंडार, वनस्पतियों और जीवों को सुरक्षित और...
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अडानी के खनन से हसदेव का जंगल बचाने के लिए आदिवासियों की ऐतिहासिक पदयात्रा
-जनपथ, कोयला खनन के विरोध में सरगुजा और कोरबा जिले के 30 गांवों के 350 से अधिक आदिवासी ‘हसदेव बचाओ पदयात्रा’ के बैनर तले पदयात्रा कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अपनी यात्रा मदनपुर ग्राम से शुरू की और 10 दिनों में 300 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए वे राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे अपनी मांगों को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। आदिवासियों ने इसका...
More »हर साल निकाली जा रही 5,000 करोड़ टन रेत, भारत सहित 70 देशों में होता है अवैध खनन
-डाउन टू अर्थ, दुनिया भर में हर साल करीब 5,000 करोड़ टन रेत और बजरी नदियों, झीलों आदि से निकाली जा रही है। देखा जाए तो यह दुनिया में सबसे ज्यादा खनन की जाने वाली सामग्री है। आज जमाव से कहीं ज्यादा तेजी से इनका अंधाधुंध खनन हो रहा है, नतीजन यह अनेक पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहा है। हाल ही में इसपर मैकगिल और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय द्वारा...
More »हिमाचल प्रदेश में बढ़ते भूस्खलन की वजह क्या है? लोग सड़कों का विरोध क्यों कर रहे हैं?
-न्यूजक्लिक, हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग 7 पर, सोलन से नाहन हिल स्टेशनों के बीच की यात्रा आंखें खोल देने वाली है। यहां जगह-जगह गिरे हुए पेड़ों के ढेर लगे हुए हैं, परिणाम ये है कि पहाड़ की ढलान नंगी और वीरान नजर आती है, जो झाड़ियों और पेड़ पौधों से रहित हैं जो मिट्टी पर पकड़ बनाने के काम आते हैं। इस सड़क पर दो दिनों तक सफर करने के बाद...
More »विश्व पर्यावरण दिवस 2021: महामारी में पर्यावरण की फिक्र
-डाउन टू अर्थ, महामारी के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के बारे में सोचना भी मुश्किल है। अपार मानवीय पीड़ा और हानि के इस समय में पर्यावरण की आखिर क्या बिसात है? लेकिन आइए इस विषय में सोचने के लिए हम थोड़ा समय निकालें। पिछले एक महीने में हमें जिस चीज की कमी सर्वाधिक खली वह था ऑक्सीजन। आइए हम उन दिनों एवं घंटों के बारे में सोचें जो हमने अपने...
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