आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
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किसानों को मिले आर्थिक आजादी-- अजीत रानाडे
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा आहूत 10,000 किसानों की एक मौन पदयात्रा ने बीते छह मार्च को नासिक से मुंबई की ओर प्रस्थान किया. उनकी मुख्य मांगें वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत किसानों को भूमि का स्थानांतरण, उनकी फसलों के लिए बेहतर कीमतें तथा ऋणमाफी पर केंद्रित हैं. जैसे-जैसे यह पदयात्रा मुंबई की ओर बढ़ी, इसमें पूरे महाराष्ट्र से दूसरे किसान भी...
More »राज्य में बनेगा किसान कल्याण प्राधिकरण
हरियाणा सरकार ने किसानों की भलाई के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के गठन का ऐलान किया है। यह प्राधिकरण कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि की उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने का काम करेगा। किसानों व भूमिहीन श्रमिकों के भौतिक, वित्तीय एवं मनोवैज्ञानिक दबावों को दूर करेगा। प्राधिकरण के गठन की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर की। ‘एक और सुधार कार्यक्रम' के तहत...
More »गंभीर होते खेती व रोजगार के सवाल - प्रदीप सिंह
लोकसभा चुनाव अभी सवा साल दूर हैं। इसे यों भी कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में बस 16 महीने रह गए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव में एक बड़ा फर्क होगा। तब कांग्रेस सत्ता में थी और उससे सवाल पूछे जा रहे थे। आज भाजपा सत्ता में है और उससे जवाब मांगा...
More »राजस्थानी भोजन का जवाब नहीं-- बाबा मायाराम
धापु बाई ने राजस्थानी में लोकगीत की ऐसी तान छेड़ी कि सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। यह गीत राजस्थान में पाए जाने वाले खेजड़ी वृक्ष पर था। इसकी लोग पूजा करते हैं। फलियों की सब्जी बनती है, जिसे सांगरी कहते हैं। पत्तियां जानवर चरते हैं। यह राजस्थान का राज्य वृक्ष भी है। इसी गीत से खाद्य विकल्प संगम की शुरूआत हुई। यह राजस्थान के बीकानेर के बज्जू में 6 से 9 अक्टूबर...
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